Comments - समय....(लघुकथा) - Open Books Online2024-03-28T21:04:58Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A633646&xn_auth=noआपका आत्मीय आभार ,आदरणीय निले…tag:openbooks.ning.com,2015-03-25:5170231:Comment:6345512015-03-25T04:52:56.606Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>आपका आत्मीय आभार ,आदरणीय निलेश जी</p>
<p>सादर!</p>
<p>आपका आत्मीय आभार ,आदरणीय निलेश जी</p>
<p>सादर!</p> आपके प्रोत्साहन से बहुत मनोबल…tag:openbooks.ning.com,2015-03-25:5170231:Comment:6345502015-03-25T04:52:23.586Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>आपके प्रोत्साहन से बहुत मनोबल मिलता है, आदरणीय जवाहर जी. ह्रदय से आभारी हूँ</p>
<p>सादर!</p>
<p>आपके प्रोत्साहन से बहुत मनोबल मिलता है, आदरणीय जवाहर जी. ह्रदय से आभारी हूँ</p>
<p>सादर!</p> लघुकथा पर आपकी उपस्थिति हेतु…tag:openbooks.ning.com,2015-03-25:5170231:Comment:6343762015-03-25T04:51:22.437Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>लघुकथा पर आपकी उपस्थिति हेतु आपका ह्रदय से आभार, आदरणीय डा.आशुतोष जी</p>
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<p>सादर!</p>
<p>लघुकथा पर आपकी उपस्थिति हेतु आपका ह्रदय से आभार, आदरणीय डा.आशुतोष जी</p>
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<p>सादर!</p> रचना आपका आशीर्वाद पाकर,धन्य…tag:openbooks.ning.com,2015-03-25:5170231:Comment:6343002015-03-25T04:50:03.955Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>रचना आपका आशीर्वाद पाकर,धन्य हुई आदरणीय विजय जी. ह्रदय से आभारी हूँ</p>
<p>सादर!</p>
<p>रचना आपका आशीर्वाद पाकर,धन्य हुई आदरणीय विजय जी. ह्रदय से आभारी हूँ</p>
<p>सादर!</p> बहुत खूब ...tag:openbooks.ning.com,2015-03-25:5170231:Comment:6345412015-03-25T03:05:47.211ZNilesh Shevgaonkarhttps://openbooks.ning.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>बहुत खूब ...</p>
<p>बहुत खूब ...</p> जितेन्द्र जी, आपकी लघुकथा का…tag:openbooks.ning.com,2015-03-24:5170231:Comment:6343532015-03-24T16:51:21.174ZJAWAHAR LAL SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>जितेन्द्र जी, आपकी लघुकथा का जवाब नहीं....बहुत सटीक </p>
<p>जितेन्द्र जी, आपकी लघुकथा का जवाब नहीं....बहुत सटीक </p> आदरणीय जीतेन्द्र जी ..अंतस को…tag:openbooks.ning.com,2015-03-24:5170231:Comment:6342272015-03-24T09:05:19.862ZDr Ashutosh Mishrahttps://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय जीतेन्द्र जी ..अंतस को झकझोरती इस शानदार लघु कथा के लिए तहे दिल बधाई सादर </p>
<p>आदरणीय जीतेन्द्र जी ..अंतस को झकझोरती इस शानदार लघु कथा के लिए तहे दिल बधाई सादर </p> सदैव समान सुन्दर मार्मिक लघु…tag:openbooks.ning.com,2015-03-24:5170231:Comment:6341672015-03-24T05:25:09.685Zvijay nikorehttps://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p> सदैव समान सुन्दर मार्मिक लघुकथा। बधाई।</p>
<p> सदैव समान सुन्दर मार्मिक लघुकथा। बधाई।</p> लघुकथा पर आपकी स्नेहिल सराहना…tag:openbooks.ning.com,2015-03-24:5170231:Comment:6341642015-03-24T05:14:29.105Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>लघुकथा पर आपकी स्नेहिल सराहना के लिए ,ह्रदय से आभारी हूँ आदरणीया राजेश दीदी.</p>
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<p>सादर!</p>
<p>लघुकथा पर आपकी स्नेहिल सराहना के लिए ,ह्रदय से आभारी हूँ आदरणीया राजेश दीदी.</p>
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<p>सादर!</p> आदरणीय कृष्णा जी. आपकी लघुकथा…tag:openbooks.ning.com,2015-03-24:5170231:Comment:6340762015-03-24T05:12:47.946Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>आदरणीय कृष्णा जी. आपकी लघुकथा पर पुन: उपस्थिति हेतु आपका आभारी हूँ. रचना में दो पात्र है विक्रेता और क्रेता. विक्रेता को इनपुट के अनुसार सही आउटपुट नही मिल पा रहा है याने की बिना दांत का बैल ,जिसे क्रेता ने बुजुर्ग कहा है. बैल जब तक स्वस्थ और युवा होता है ताकतवर रहता है और इंसान को उसकी ताकत से ही आउटपूट मिलता है दांत गिरने के बाद बैल उतना खा नही पाता ,जितना की उससे काम लिया जा सके. ऐसे जानवरों को पालने वाले उन पर पूरा ध्यान देते है उनकी खुराक एकदम से कम हो जाना अक्सर उनकी बीमारी की तरफ ही…</p>
<p>आदरणीय कृष्णा जी. आपकी लघुकथा पर पुन: उपस्थिति हेतु आपका आभारी हूँ. रचना में दो पात्र है विक्रेता और क्रेता. विक्रेता को इनपुट के अनुसार सही आउटपुट नही मिल पा रहा है याने की बिना दांत का बैल ,जिसे क्रेता ने बुजुर्ग कहा है. बैल जब तक स्वस्थ और युवा होता है ताकतवर रहता है और इंसान को उसकी ताकत से ही आउटपूट मिलता है दांत गिरने के बाद बैल उतना खा नही पाता ,जितना की उससे काम लिया जा सके. ऐसे जानवरों को पालने वाले उन पर पूरा ध्यान देते है उनकी खुराक एकदम से कम हो जाना अक्सर उनकी बीमारी की तरफ ही इशारा करती है.</p>
<p>सादर!</p>