Comments - चाहिये गंगा नहाना जा नहाते गंदगी में , - Open Books Online2024-03-29T05:53:08Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A631490&xn_auth=noआदरणीय गिरिराज जी , गुमनाम जी…tag:openbooks.ning.com,2015-03-19:5170231:Comment:6320942015-03-19T04:42:57.273ZShyam Narain Vermahttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
<p>आदरणीय गिरिराज जी , गुमनाम जी , मिथिलेश जी और हरी प्रकाश जी रचना भाव पसंद करने के लिए आप लोगों का बहुत बहुत आभार |<br/>सादर</p>
<p>आदरणीय गिरिराज जी , गुमनाम जी , मिथिलेश जी और हरी प्रकाश जी रचना भाव पसंद करने के लिए आप लोगों का बहुत बहुत आभार |<br/>सादर</p> आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी…tag:openbooks.ning.com,2015-03-18:5170231:Comment:6322322015-03-18T15:50:53.444ZHari Prakash Dubeyhttps://openbooks.ning.com/profile/HariPrakashDubey
<p><span><span>आदरणीय </span>श्याम नारायण वर्मा जी सुन्दर ग़ज़ल है , बधाई आपको इस रचना पर ! सादर </span></p>
<p><span><span>आदरणीय </span>श्याम नारायण वर्मा जी सुन्दर ग़ज़ल है , बधाई आपको इस रचना पर ! सादर </span></p> आदरणीय श्याम जी, सुन्दर ग़ज़ल ह…tag:openbooks.ning.com,2015-03-18:5170231:Comment:6322252015-03-18T15:20:48.351Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p><span>आदरणीय श्याम जी, </span>सुन्दर ग़ज़ल हुई है हार्दिक बधाई </p>
<p><span>आदरणीय श्याम जी, </span>सुन्दर ग़ज़ल हुई है हार्दिक बधाई </p> इस सुन्दर प्रभावशाली प्रस्तुत…tag:openbooks.ning.com,2015-03-18:5170231:Comment:6321092015-03-18T12:03:14.532Zgumnaam pithoragarhihttps://openbooks.ning.com/profile/gumnaampithoragarhi
इस सुन्दर प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई भाई जी ........
इस सुन्दर प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई भाई जी ........ आदरणीय श्याम भाई , लाजवाब गज़ल…tag:openbooks.ning.com,2015-03-18:5170231:Comment:6319052015-03-18T11:29:36.223Zगिरिराज भंडारीhttps://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय श्याम भाई , लाजवाब गज़ल हुई है , बहुत सुन्दर संदेश दिया है आपने ! आपको हार्दिक बधाइयाँ , गज़ल के लिये ।</p>
<p>आदरणीय श्याम भाई , लाजवाब गज़ल हुई है , बहुत सुन्दर संदेश दिया है आपने ! आपको हार्दिक बधाइयाँ , गज़ल के लिये ।</p> सराहना के लिये आपका हार्दिक आ…tag:openbooks.ning.com,2015-03-18:5170231:Comment:6316902015-03-18T09:04:05.692ZShyam Narain Vermahttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
<p>सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।</p>
<p>सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।</p> वाह बहुत सुन्दर लिखा आपने । स…tag:openbooks.ning.com,2015-03-18:5170231:Comment:6319242015-03-18T07:56:57.171ZNaveen Mani Tripathihttps://openbooks.ning.com/profile/NaveenManiTripathi
वाह बहुत सुन्दर लिखा आपने । सुन्दर सन्देश देती रचना संग्रहनीय लगी
वाह बहुत सुन्दर लिखा आपने । सुन्दर सन्देश देती रचना संग्रहनीय लगी आदरणीय , रचना भाव पसंद करने…tag:openbooks.ning.com,2015-03-18:5170231:Comment:6317952015-03-18T07:12:56.978ZShyam Narain Vermahttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
<p>आदरणीय , रचना भाव पसंद करने के लिए आभार |</p>
<p>सादर।</p>
<p>आदरणीय , रचना भाव पसंद करने के लिए आभार |</p>
<p>सादर।</p> आओ श्याम नारायण वर्मा जी
बहुत…tag:openbooks.ning.com,2015-03-18:5170231:Comment:6317912015-03-18T06:43:07.739Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आओ श्याम नारायण वर्मा जी</p>
<p>बहुत ही सुन्दर प्रयास . आपको बधायी .</p>
<p>आओ श्याम नारायण वर्मा जी</p>
<p>बहुत ही सुन्दर प्रयास . आपको बधायी .</p> आदरणीय श्याम मठपाल जी और आदर…tag:openbooks.ning.com,2015-03-18:5170231:Comment:6319152015-03-18T06:29:38.695ZShyam Narain Vermahttps://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
<p>आदरणीय श्याम मठपाल जी और आदरणीय सोमेश कुमार जी रचना भाव पसंद करने के लिए आभार |</p>
<p>आदरणीय श्याम मठपाल जी और आदरणीय सोमेश कुमार जी रचना भाव पसंद करने के लिए आभार |</p>