Comments - दर सारे दीवार हो गए ( गीत ) गिरिराज भंडारी - Open Books Online2024-03-28T11:42:27Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A569792&xn_auth=noसमयगत यथार्थ का मार्मिक चित्र…tag:openbooks.ning.com,2014-09-07:5170231:Comment:5735392014-09-07T15:26:13.729ZJAGDISH PRASAD JEND PANKAJhttps://openbooks.ning.com/profile/JAGDISHPRASADJENDPANKAJ
<p>समयगत यथार्थ का मार्मिक चित्रण। परिस्थितियों के बदलने से मनोविज्ञान का बदलाव हो जाता है। गीत के माध्यम से समाज की विद्रूपता के सफल चित्रांकन के लिए बहुत-बहुत बधाई ,भाई गिरिराज भंडारी जी !-जगदीश पंकज</p>
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<p>समयगत यथार्थ का मार्मिक चित्रण। परिस्थितियों के बदलने से मनोविज्ञान का बदलाव हो जाता है। गीत के माध्यम से समाज की विद्रूपता के सफल चित्रांकन के लिए बहुत-बहुत बधाई ,भाई गिरिराज भंडारी जी !-जगदीश पंकज</p>
<p></p> आदरणीया कल्पना जी , आपका हार्…tag:openbooks.ning.com,2014-09-06:5170231:Comment:5732292014-09-06T03:09:08.380Zगिरिराज भंडारीhttps://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीया कल्पना जी , आपका हार्दिक आभार |</p>
<p>आदरणीया कल्पना जी , आपका हार्दिक आभार |</p> आदरणीया सीमा जी , आपका बहुत श…tag:openbooks.ning.com,2014-09-06:5170231:Comment:5730742014-09-06T03:08:33.442Zगिरिराज भंडारीhttps://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीया सीमा जी , आपका बहुत शुक्रिया</p>
<p>आदरणीया सीमा जी , आपका बहुत शुक्रिया</p> सुंदर और सार्थक गीत के लिए आप…tag:openbooks.ning.com,2014-09-05:5170231:Comment:5729982014-09-05T13:20:26.941Zकल्पना रामानीhttps://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>सुंदर और सार्थक गीत के लिए आपको हार्दिक बधाई आदरणीय गिरिराज जी</p>
<p>सुंदर और सार्थक गीत के लिए आपको हार्दिक बधाई आदरणीय गिरिराज जी</p> बहुत सुंदर गीत बधाई आपकोtag:openbooks.ning.com,2014-09-02:5170231:Comment:5723842014-09-02T17:43:58.599Zseemahari sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/seemaharisharma
बहुत सुंदर गीत बधाई आपको
बहुत सुंदर गीत बधाई आपको आदरणीया महेश्वरी जी , सराहना…tag:openbooks.ning.com,2014-09-02:5170231:Comment:5725572014-09-02T12:34:47.454Zगिरिराज भंडारीhttps://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीया महेश्वरी जी , सराहना के लिए आपका हार्दिक आभारी हूँ |</p>
<p>आदरणीया महेश्वरी जी , सराहना के लिए आपका हार्दिक आभारी हूँ |</p> आदरणीय संत लाल भाई , आपकी सरा…tag:openbooks.ning.com,2014-09-02:5170231:Comment:5723752014-09-02T12:33:45.354Zगिरिराज भंडारीhttps://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय संत लाल भाई , आपकी सराहना के लिए आपका दिली आभार |</p>
<p>आदरणीय संत लाल भाई , आपकी सराहना के लिए आपका दिली आभार |</p> सुंदर सुंदर रचना के लिए आपको…tag:openbooks.ning.com,2014-09-02:5170231:Comment:5726072014-09-02T12:26:41.260ZMaheshwari Kanerihttps://openbooks.ning.com/profile/MaheshwariKaneri
<p><span>सुंदर <span>सुंदर <span>रचना </span>के लिए आपको हार्दिक</span></span> <span style="font-size: 13px;">बधाई</span></p>
<p><span>सुंदर <span>सुंदर <span>रचना </span>के लिए आपको हार्दिक</span></span> <span style="font-size: 13px;">बधाई</span></p> आदरणीय भंडारी जी,
मार्मिक औए…tag:openbooks.ning.com,2014-09-01:5170231:Comment:5724342014-09-01T12:12:33.361ZSantlal Karunhttps://openbooks.ning.com/profile/SantlalKarun
<p>आदरणीय भंडारी जी, </p>
<p>मार्मिक औए गंभीर रचना के लिए हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ ! --</p>
<p>"पुत्र कमाता है विदेश में</p>
<p>पुत्री तो ससुराल हो गयी</p>
<p>सब तन्हा कोने कोने में</p>
<p>तनहा सब त्यौहार हो गए"</p>
<p>आदरणीय भंडारी जी, </p>
<p>मार्मिक औए गंभीर रचना के लिए हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ ! --</p>
<p>"पुत्र कमाता है विदेश में</p>
<p>पुत्री तो ससुराल हो गयी</p>
<p>सब तन्हा कोने कोने में</p>
<p>तनहा सब त्यौहार हो गए"</p> आदरणीय विजय मिश्र भाई , गीत क…tag:openbooks.ning.com,2014-09-01:5170231:Comment:5723282014-09-01T11:29:21.114Zगिरिराज भंडारीhttps://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय विजय मिश्र भाई , गीत को आपका अनुमोदन मिला , बहुत खुशी हुई , सराहना के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया |</p>
<p>आदरणीय विजय मिश्र भाई , गीत को आपका अनुमोदन मिला , बहुत खुशी हुई , सराहना के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया |</p>