Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-28T22:05:46Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A520758&xn_auth=noआदरणीय सौरभ पाण्डेय साहब काफ्…tag:openbooks.ning.com,2014-09-04:5170231:Comment:5727042014-09-04T17:33:55.514Zभुवन निस्तेजhttps://openbooks.ning.com/profile/BHUWANNISTEJ
<p>आदरणीय सौरभ पाण्डेय साहब काफ्ये पर पुनर्विचार हो चूका है, सादर....</p>
<p>आदरणीय सौरभ पाण्डेय साहब काफ्ये पर पुनर्विचार हो चूका है, सादर....</p> आदरणीय भुवन निस्तेजजी, आपकी ग़…tag:openbooks.ning.com,2014-03-26:5170231:Comment:5242272014-03-26T15:11:02.662ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय भुवन निस्तेजजी, आपकी ग़ज़ल के लिए दिल से बधाई. अच्छी ग़ज़ल हुई है.</p>
<p>हाँ, एक बात, क़ाफ़िया गलत निर्धारित हुआ है.</p>
<p>सादर</p>
<p></p>
<p>आदरणीय भुवन निस्तेजजी, आपकी ग़ज़ल के लिए दिल से बधाई. अच्छी ग़ज़ल हुई है.</p>
<p>हाँ, एक बात, क़ाफ़िया गलत निर्धारित हुआ है.</p>
<p>सादर</p>
<p></p> बहुत खुबसूरत गजल कही आपने आदर…tag:openbooks.ning.com,2014-03-17:5170231:Comment:5222582014-03-17T18:13:32.970Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>बहुत खुबसूरत गजल कही आपने आदरणीय भुवन जी</p>
<p></p>
<p>जो स्वयं निस्तेज है वो क्या कहें</p>
<p>क्यों उजालों में कमी होने लगी.............बहुत खूब , हार्दिक बधाई</p>
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<p>बहुत खुबसूरत गजल कही आपने आदरणीय भुवन जी</p>
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<p>जो स्वयं निस्तेज है वो क्या कहें</p>
<p>क्यों उजालों में कमी होने लगी.............बहुत खूब , हार्दिक बधाई</p>
<p> </p> भुवन जी , अप जी की गज़ल बहुत उ…tag:openbooks.ning.com,2014-03-16:5170231:Comment:5218702014-03-16T16:07:40.560Zमोहन बेगोवालhttps://openbooks.ning.com/profile/DrMohanlal
भुवन जी , अप जी की गज़ल बहुत उम्दा हे मुबारकबाद
भुवन जी , अप जी की गज़ल बहुत उम्दा हे मुबारकबाद गिरिराज भण्डारी जी, अनुराग अन…tag:openbooks.ning.com,2014-03-15:5170231:Comment:5212222014-03-15T10:56:32.264Zभुवन निस्तेजhttps://openbooks.ning.com/profile/BHUWANNISTEJ
<p>गिरिराज भण्डारी जी, अनुराग अनुभव जी व गुमनाम पिथोरागढ़ी जी बहुत बहुत अभार आप लोगों का, तकनीकी मंच पर नया हूँ, कृपया मार्गदर्शन करें...</p>
<p>गिरिराज भण्डारी जी, अनुराग अनुभव जी व गुमनाम पिथोरागढ़ी जी बहुत बहुत अभार आप लोगों का, तकनीकी मंच पर नया हूँ, कृपया मार्गदर्शन करें...</p> khoob bhaai ji gazal achchhi…tag:openbooks.ning.com,2014-03-15:5170231:Comment:5210072014-03-15T05:13:06.524Zgumnaam pithoragarhihttps://openbooks.ning.com/profile/gumnaampithoragarhi
<p>khoob bhaai ji gazal achchhi lagi badhai...............................................</p>
<p></p>
<p>khoob bhaai ji gazal achchhi lagi badhai...............................................</p>
<p></p> आदरणीय भुवन जी.... बहुत खूबसू…tag:openbooks.ning.com,2014-03-15:5170231:Comment:5207892014-03-15T02:57:11.959ZAnurag Anubhavhttps://openbooks.ning.com/profile/AnuragAnubhav
आदरणीय भुवन जी.... बहुत खूबसूरत ग़ज़ल.... बधाई स्वीकार करें....
आदरणीय भुवन जी.... बहुत खूबसूरत ग़ज़ल.... बधाई स्वीकार करें.... आदरणीय भुवन भाई , बहुत सुन्दर…tag:openbooks.ning.com,2014-03-14:5170231:Comment:5208362014-03-14T18:06:48.743Zगिरिराज भंडारीhttps://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय भुवन भाई , बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है , आपको बहुत बहुत बधाइयाँ ॥</p>
<p>आदरणीय भुवन भाई , बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है , आपको बहुत बहुत बधाइयाँ ॥</p>