Comments - तान्या : तुम बिन - Open Books Online2024-03-29T05:10:45Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A505655&xn_auth=noइस रुमानी बयान में रचनाकार ने…tag:openbooks.ning.com,2014-02-03:5170231:Comment:5074942014-02-03T23:09:46.426ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>इस रुमानी बयान में रचनाकार ने ’वो तुम नहीं थे..’ कह कर मानों रहस्य भी पिरोया है ..</p>
<p>मुलायम अनुभूति की प्रस्तुति-श्रेणियों के लिए हार्दिक धन्यवाद,भाईजी.</p>
<p>शुभेच्छाएँ</p>
<p></p>
<p>इस रुमानी बयान में रचनाकार ने ’वो तुम नहीं थे..’ कह कर मानों रहस्य भी पिरोया है ..</p>
<p>मुलायम अनुभूति की प्रस्तुति-श्रेणियों के लिए हार्दिक धन्यवाद,भाईजी.</p>
<p>शुभेच्छाएँ</p>
<p></p> सुंदर अभिव्यक्ति
बधाई बधाईtag:openbooks.ning.com,2014-02-01:5170231:Comment:5062592014-02-01T10:55:57.322Zरमेश कुमार चौहानhttps://openbooks.ning.com/profile/Rameshkumarchauhan
<p>सुंदर अभिव्यक्ति</p>
<p> बधाई बधाई</p>
<p>सुंदर अभिव्यक्ति</p>
<p> बधाई बधाई</p> कोमल भावों से संजोयी रचना, हा…tag:openbooks.ning.com,2014-02-01:5170231:Comment:5061682014-02-01T05:10:21.032Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>कोमल भावों से संजोयी रचना, हार्दिक बधाई आदरणीय अरविन्द जी</p>
<p>कोमल भावों से संजोयी रचना, हार्दिक बधाई आदरणीय अरविन्द जी</p> आदरणीय डॉ o प्राची जी, कविता…tag:openbooks.ning.com,2014-02-01:5170231:Comment:5062272014-02-01T02:49:05.250ZARVIND BHATNAGARhttps://openbooks.ning.com/profile/ARVINDBHATNAGAR
<p>आदरणीय डॉ o प्राची जी, कविता की सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् । मेरा प्रयास सार्थक हुआ । </p>
<p>आदरणीय डॉ o प्राची जी, कविता की सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् । मेरा प्रयास सार्थक हुआ । </p> आदरणीय मीना जी, Coontee Muk…tag:openbooks.ning.com,2014-02-01:5170231:Comment:5061542014-02-01T02:47:11.137ZARVIND BHATNAGARhttps://openbooks.ning.com/profile/ARVINDBHATNAGAR
<p>आदरणीय मीना जी, Coontee Mukerji जी, कविता की सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् </p>
<p>आदरणीय मीना जी, Coontee Mukerji जी, कविता की सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् </p> आदरणीय नादिर जी, पवन अम्बा …tag:openbooks.ning.com,2014-02-01:5170231:Comment:5061522014-02-01T02:44:25.710ZARVIND BHATNAGARhttps://openbooks.ning.com/profile/ARVINDBHATNAGAR
<p>आदरणीय नादिर जी, पवन अम्बा जी, कविता की सराहना के लिए धन्यवाद् </p>
<p>आदरणीय नादिर जी, पवन अम्बा जी, कविता की सराहना के लिए धन्यवाद् </p> आदरणीय ब्रजेश नीरज जी, वंदना…tag:openbooks.ning.com,2014-02-01:5170231:Comment:5060572014-02-01T02:42:34.361ZARVIND BHATNAGARhttps://openbooks.ning.com/profile/ARVINDBHATNAGAR
<p>आदरणीय ब्रजेश नीरज जी, वंदना जी, सराहना के लिए धन्यवाद् </p>
<p>आदरणीय ब्रजेश नीरज जी, वंदना जी, सराहना के लिए धन्यवाद् </p> कोमल मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति …tag:openbooks.ning.com,2014-01-31:5170231:Comment:5061202014-01-31T15:44:09.530ZDr.Prachi Singhhttps://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>कोमल मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति </p>
<p></p>
<p>शुभकामनाएं </p>
<p>कोमल मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति </p>
<p></p>
<p>शुभकामनाएं </p> पेड़ कि फुनगी पर बैठा चाँद चुप…tag:openbooks.ning.com,2014-01-31:5170231:Comment:5058962014-01-31T15:18:47.428Zcoontee mukerjihttps://openbooks.ning.com/profile/coonteemukerji
<p><br/>पेड़ कि फुनगी पर <br/>बैठा चाँद <br/>चुपके से उतर कर <br/>मेरी आँखों में समा गया /<br/>और रात बीत गई ।........अति सुंदर....हार्दिक बधाई.</p>
<p><br/>पेड़ कि फुनगी पर <br/>बैठा चाँद <br/>चुपके से उतर कर <br/>मेरी आँखों में समा गया /<br/>और रात बीत गई ।........अति सुंदर....हार्दिक बधाई.</p> बहुत सुन्दर रचना ...बधाईtag:openbooks.ning.com,2014-01-31:5170231:Comment:5057832014-01-31T10:21:47.503ZMeena Pathakhttps://openbooks.ning.com/profile/MeenaPathak
बहुत सुन्दर रचना ...बधाई
बहुत सुन्दर रचना ...बधाई