Comments - माल्थस का भूत - Open Books Online2024-03-28T22:14:24Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A499816&xn_auth=noवाह क्या गजब का अंदाज है । इस…tag:openbooks.ning.com,2014-01-16:5170231:Comment:5006172014-01-16T17:00:54.074Zरमेश कुमार चौहानhttps://openbooks.ning.com/profile/Rameshkumarchauhan
वाह क्या गजब का अंदाज है । इस समसमायिक प्रस्तुति पर बधाई
वाह क्या गजब का अंदाज है । इस समसमायिक प्रस्तुति पर बधाई आदरणीय अनवर साहब. इस तेवर में…tag:openbooks.ning.com,2014-01-16:5170231:Comment:5006092014-01-16T16:39:23.552ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय अनवर साहब. इस तेवर में पहली दफ़ा में आपको पढ़ रहा हूँ.</p>
<p>सादर बधाइयाँ</p>
<p></p>
<p>आदरणीय अनवर साहब. इस तेवर में पहली दफ़ा में आपको पढ़ रहा हूँ.</p>
<p>सादर बधाइयाँ</p>
<p></p> आ0 अनवर जी सुंदर रचना बधाई । tag:openbooks.ning.com,2014-01-16:5170231:Comment:5003452014-01-16T13:55:13.296Zannapurna bajpaihttps://openbooks.ning.com/profile/annapurnabajpai
<p>आ0 अनवर जी सुंदर रचना बधाई । </p>
<p>आ0 अनवर जी सुंदर रचना बधाई । </p> आदरणीय अनवर साहब इस उम्दा रचन…tag:openbooks.ning.com,2014-01-16:5170231:Comment:5004232014-01-16T12:29:21.626Zअरुन 'अनन्त'https://openbooks.ning.com/profile/ArunSharma
<p>आदरणीय अनवर साहब इस उम्दा रचना के जरिये ऐसा जोरदार तमाचा जड़ा है कि बस आनंद आ गया. शानदार अभिव्यक्ति बेहतरीन अंदाज बहुत बहुत बधाई आपको.</p>
<p>आदरणीय अनवर साहब इस उम्दा रचना के जरिये ऐसा जोरदार तमाचा जड़ा है कि बस आनंद आ गया. शानदार अभिव्यक्ति बेहतरीन अंदाज बहुत बहुत बधाई आपको.</p> gajab!!tag:openbooks.ning.com,2014-01-16:5170231:Comment:5001792014-01-16T04:24:36.288ZMukesh Kumar Sinhahttps://openbooks.ning.com/profile/MukeshKumarSinha
gajab!!
gajab!! वाह क्या बात कही .....हैtag:openbooks.ning.com,2014-01-15:5170231:Comment:5002562014-01-15T17:34:06.505Zसूबे सिंह सुजानhttps://openbooks.ning.com/profile/2fvsz8v20bb3q
<p>वाह क्या बात कही .....है</p>
<p>वाह क्या बात कही .....है</p> ये सब माल्थस के भूत ने किया ह…tag:openbooks.ning.com,2014-01-15:5170231:Comment:4999572014-01-15T13:30:41.462Zविन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीhttps://openbooks.ning.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi
ये सब माल्थस के भूत ने किया है?<br />
गजब<br />
मुझे भी मिला था, माल्थस का भूत<br />
जाने कितने ही और लोगों को भी मिलता होगा<br />
रोज<br />
हर कदम हर मोड़ पर<br />
और यह भूत जब मिल जाता है राजनीति के बड़के बरम से<br />
तब हो जाता है इसका पॉवर दो गुना<br />
फिर ये मिल कर करते हैं सैफई तांडव<br />
होना भी चाहिये।<br />
<br />
कमाल है जोरदार आपको बधाई अनवर सुहेल जी!
ये सब माल्थस के भूत ने किया है?<br />
गजब<br />
मुझे भी मिला था, माल्थस का भूत<br />
जाने कितने ही और लोगों को भी मिलता होगा<br />
रोज<br />
हर कदम हर मोड़ पर<br />
और यह भूत जब मिल जाता है राजनीति के बड़के बरम से<br />
तब हो जाता है इसका पॉवर दो गुना<br />
फिर ये मिल कर करते हैं सैफई तांडव<br />
होना भी चाहिये।<br />
<br />
कमाल है जोरदार आपको बधाई अनवर सुहेल जी! आदरणीय अनवर सुहैल जी, व्यंग क…tag:openbooks.ning.com,2014-01-15:5170231:Comment:4999392014-01-15T09:40:17.512ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीय अनवर सुहैल जी, व्यंग का स्वर मुखर होकर बोल रहा है, बोल ही नहीं रहा बल्कि लतिया रहा है, क्या खूबसूरती से तमाचा मारा है,</p>
<p>//का कहा, हम नाच-गाना न सुनते <br></br> तो इत्ते लोग नही मरते...<br></br> अरे बुडबक...<br></br> सर्दी से नही मरते लोग तो <br></br> रोड एक्सीडेंट से मर जाते <br></br> बाढ़ से मर जाते <br></br> सूखे से मर जाते <br></br> मलेरिया-डेंगू से मर जाते <br></br> कुपोषण से मर जाते //</p>
<p>आय हाय हाय, जोरदार प्रहार किया है भाई, जबर्दस्त, बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें, ऐसी रचनाएं रोज जन्म नहीं लेतीं…</p>
<p>आदरणीय अनवर सुहैल जी, व्यंग का स्वर मुखर होकर बोल रहा है, बोल ही नहीं रहा बल्कि लतिया रहा है, क्या खूबसूरती से तमाचा मारा है,</p>
<p>//का कहा, हम नाच-गाना न सुनते <br/> तो इत्ते लोग नही मरते...<br/> अरे बुडबक...<br/> सर्दी से नही मरते लोग तो <br/> रोड एक्सीडेंट से मर जाते <br/> बाढ़ से मर जाते <br/> सूखे से मर जाते <br/> मलेरिया-डेंगू से मर जाते <br/> कुपोषण से मर जाते //</p>
<p>आय हाय हाय, जोरदार प्रहार किया है भाई, जबर्दस्त, बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें, ऐसी रचनाएं रोज जन्म नहीं लेतीं |</p>