Comments - स्मृति में.. - Open Books Online2024-03-29T07:32:47Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A49233&xn_auth=noआप लोगों के मर्मस्पर्शी…tag:openbooks.ning.com,2011-02-01:5170231:Comment:502452011-02-01T16:43:37.657ZR N Tiwarihttps://openbooks.ning.com/profile/RNTiwari
आप लोगों के मर्मस्पर्शी विचारों को पढ़कर महसूस हुआ की भोजपुरी समाज की भावुकता अद्वितीय और बेमिशाल है. बहूत बहूत धन्यवाद..<br/> ---आर .एन .तिवारी
आप लोगों के मर्मस्पर्शी विचारों को पढ़कर महसूस हुआ की भोजपुरी समाज की भावुकता अद्वितीय और बेमिशाल है. बहूत बहूत धन्यवाद..<br/> ---आर .एन .तिवारी R . N तिवारी जी आपका यह प्रया…tag:openbooks.ning.com,2011-01-30:5170231:Comment:496062011-01-30T07:15:09.209ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
R . N तिवारी जी आपका यह प्रयास बेहद सराहनीय है , आदरणीय अवधेश कुमार तिवारी जी की कृति शायद ही हम लोग पढ़ पाते , यह आपके कारण संभव हो सका है | उम्मीद करते है कि आपकी भी कृतियाँ पढ़ने को मिलेगी, निवेदन है कि अन्य रचनाकारों की रचनाओं पर भी अपना विचार व्यक्त करे साथ ही १ फरवरी से ३ फरवरी तक चलने वाले महा इवेंट मे अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे |
R . N तिवारी जी आपका यह प्रयास बेहद सराहनीय है , आदरणीय अवधेश कुमार तिवारी जी की कृति शायद ही हम लोग पढ़ पाते , यह आपके कारण संभव हो सका है | उम्मीद करते है कि आपकी भी कृतियाँ पढ़ने को मिलेगी, निवेदन है कि अन्य रचनाकारों की रचनाओं पर भी अपना विचार व्यक्त करे साथ ही १ फरवरी से ३ फरवरी तक चलने वाले महा इवेंट मे अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे |