Comments - हो भान तो वह! - Open Books Online2024-03-28T18:18:59Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A398571&xn_auth=noआदरणीय निकोर सर शुभप्रभात् एव…tag:openbooks.ning.com,2013-08-13:5170231:Comment:4132892013-08-13T00:04:29.474ZVindu Babuhttps://openbooks.ning.com/profile/vandanatiwari
आदरणीय निकोर सर शुभप्रभात् एवम् सादर अभिनन्दन!<br />
मुझे पता है आप सभी विधाओं को जरूर पढते होंगे,रही बात लिखने की तो आदरणीय आपकी रचनाओं में इतनी भाव-प्रबलता और गहनता होती है कि विधा नगण्य हो जाती है।अतुकान्त/verse libre ही आपकी पहचान है।<br />
आपकी उदात्त स्वरीय टिप्पणी पा मन बहुत प्रसन्नता और उत्साह भर गया आदरणीय!<br />
आपके स्नेह तथा उत्साहवर्धन के लिए सदैव आपसे विनयी हूं।<br />
आपका बारम्बार आभार!<br />
सादर
आदरणीय निकोर सर शुभप्रभात् एवम् सादर अभिनन्दन!<br />
मुझे पता है आप सभी विधाओं को जरूर पढते होंगे,रही बात लिखने की तो आदरणीय आपकी रचनाओं में इतनी भाव-प्रबलता और गहनता होती है कि विधा नगण्य हो जाती है।अतुकान्त/verse libre ही आपकी पहचान है।<br />
आपकी उदात्त स्वरीय टिप्पणी पा मन बहुत प्रसन्नता और उत्साह भर गया आदरणीय!<br />
आपके स्नेह तथा उत्साहवर्धन के लिए सदैव आपसे विनयी हूं।<br />
आपका बारम्बार आभार!<br />
सादर आदरणीया वंदना जी:
मैं गज़लो…tag:openbooks.ning.com,2013-08-12:5170231:Comment:4132102013-08-12T04:57:55.819Zvijay nikorehttps://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p></p>
<p>आदरणीया वंदना जी:</p>
<p> </p>
<p>मैं गज़लों का रसास्वादन करता हूँ, पर स्वयं गज़ल नहीं लिखता,</p>
<p>अत: इस रचना की शिल्प विधि का टीकाकार नहीं बनता।</p>
<p>हाँ, आपकी रचनाओं में भाव, सच्चाई/यथार्थ, और संदेश पाने की</p>
<p>मुझको आदत हो गई है, और वह इस रचना में भी अच्छे मिले हैं,</p>
<p>और इसके लिए आपको बधाई देता हूँ। लिखते रहिए,</p>
<p>प्रयास का फल उतकृष्ट होता ही जाएगा, आदरणीया।</p>
<p> </p>
<p>सादर,</p>
<p>विजय निकोर</p>
<p></p>
<p>आदरणीया वंदना जी:</p>
<p> </p>
<p>मैं गज़लों का रसास्वादन करता हूँ, पर स्वयं गज़ल नहीं लिखता,</p>
<p>अत: इस रचना की शिल्प विधि का टीकाकार नहीं बनता।</p>
<p>हाँ, आपकी रचनाओं में भाव, सच्चाई/यथार्थ, और संदेश पाने की</p>
<p>मुझको आदत हो गई है, और वह इस रचना में भी अच्छे मिले हैं,</p>
<p>और इसके लिए आपको बधाई देता हूँ। लिखते रहिए,</p>
<p>प्रयास का फल उतकृष्ट होता ही जाएगा, आदरणीया।</p>
<p> </p>
<p>सादर,</p>
<p>विजय निकोर</p> आदरणीय वीनस केसरी जी सादर नमस…tag:openbooks.ning.com,2013-07-26:5170231:Comment:4027512013-07-26T07:05:58.177ZVindu Babuhttps://openbooks.ning.com/profile/vandanatiwari
आदरणीय वीनस केसरी जी सादर नमस्कार!<br />
रचना पकाने में सहायता तो कीजिए,आप तो उस्ताद हैं महोदय।<br />
मुझे गज़ल में कुछ आता ही नहीं,आपकी कक्षाओं से कुछ सीखने प्रयास अवश्य कर रही हूं।<br />
सादर
आदरणीय वीनस केसरी जी सादर नमस्कार!<br />
रचना पकाने में सहायता तो कीजिए,आप तो उस्ताद हैं महोदय।<br />
मुझे गज़ल में कुछ आता ही नहीं,आपकी कक्षाओं से कुछ सीखने प्रयास अवश्य कर रही हूं।<br />
सादर आदरणीय अभिनव अरुन जी आपका हार…tag:openbooks.ning.com,2013-07-26:5170231:Comment:4025972013-07-26T06:58:22.441ZVindu Babuhttps://openbooks.ning.com/profile/vandanatiwari
आदरणीय अभिनव अरुन जी आपका हार्दिक स्वागत् है। आपने कहा आम बोल-चाल के शब्द प्रयोग करना चाहिए,आदरणीय मुझे तो सभी शब्द साधारण बोल-चाल वाले ही लग रहे हैं,हो सकता है आपको 'स्व' कुछ हटकर लगा हो। निवेदन करना चाहूंगी महोदय कि स्वीकार कर लें इस शब्द को भी,मेरे हृदय से निकला है।<br />
आपकी मुक्त प्रतिक्रिया के लिए बहुत आपका बहुत आभार!<br />
सादर
आदरणीय अभिनव अरुन जी आपका हार्दिक स्वागत् है। आपने कहा आम बोल-चाल के शब्द प्रयोग करना चाहिए,आदरणीय मुझे तो सभी शब्द साधारण बोल-चाल वाले ही लग रहे हैं,हो सकता है आपको 'स्व' कुछ हटकर लगा हो। निवेदन करना चाहूंगी महोदय कि स्वीकार कर लें इस शब्द को भी,मेरे हृदय से निकला है।<br />
आपकी मुक्त प्रतिक्रिया के लिए बहुत आपका बहुत आभार!<br />
सादर सुन्दर प्रयास है रचना को और प…tag:openbooks.ning.com,2013-07-25:5170231:Comment:4022882013-07-25T22:24:44.372Zवीनस केसरीhttps://openbooks.ning.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p>सुन्दर प्रयास है <br/><br/>रचना को और पका लीजिए तो ग़ज़ल कहने पर किसी को एतराज़ नहीं होगा ....</p>
<p>सुन्दर प्रयास है <br/><br/>रचना को और पका लीजिए तो ग़ज़ल कहने पर किसी को एतराज़ नहीं होगा ....</p> आदरणीया वंदना जी मार्गदर्शन औ…tag:openbooks.ning.com,2013-07-20:5170231:Comment:3998672013-07-20T14:11:30.577Zबृजेश नीरजhttps://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीया वंदना जी मार्गदर्शन और सीखना सिखाना तो मेरे और आपके बीच के वार्तालाप का सदैव केन्द्र बिन्दु रहा है और रहेगा। मां शारदे आप पर यूं ही अपनी कृपा बनाए रखें।<br/>सादर!</p>
<p>आदरणीया वंदना जी मार्गदर्शन और सीखना सिखाना तो मेरे और आपके बीच के वार्तालाप का सदैव केन्द्र बिन्दु रहा है और रहेगा। मां शारदे आप पर यूं ही अपनी कृपा बनाए रखें।<br/>सादर!</p> आदरणीया वंदनाजी , अच्छी सायास…tag:openbooks.ning.com,2013-07-20:5170231:Comment:3998022013-07-20T09:12:48.596ZAbhinav Arunhttps://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>आदरणीया वंदनाजी , अच्छी सायास कही ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें !! हां एक बात , अपनी , शेष आप पर है , हमें लेखन में वही भाषा प्रयोग करनी चाहिए जो आम बोलचाल में प्रयोग करते हैं … नहीं तो …. वही अटकाव भटकाव का अंदेशा रहता है !! बहुत शुभकामनायें !!</p>
<p>आदरणीया वंदनाजी , अच्छी सायास कही ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें !! हां एक बात , अपनी , शेष आप पर है , हमें लेखन में वही भाषा प्रयोग करनी चाहिए जो आम बोलचाल में प्रयोग करते हैं … नहीं तो …. वही अटकाव भटकाव का अंदेशा रहता है !! बहुत शुभकामनायें !!</p> आदरणीय राज़ नवादवी जी आपका ब्ल…tag:openbooks.ning.com,2013-07-20:5170231:Comment:3997962013-07-20T07:26:46.447ZVindu Babuhttps://openbooks.ning.com/profile/vandanatiwari
आदरणीय राज़ नवादवी जी आपका ब्लाग पर बहुत स्वागत है।<br />
गज़ल में हिंदी शब्दों के प्रयोग पर लोगों की अलग-अलग राय है, ठीक है पर आपकी क्या राय है महोदय?<br />
आपकी प्रतिक्रिया मेरा उत्साह है।<br />
शुक्रिया आदरणीय<br />
सादर
आदरणीय राज़ नवादवी जी आपका ब्लाग पर बहुत स्वागत है।<br />
गज़ल में हिंदी शब्दों के प्रयोग पर लोगों की अलग-अलग राय है, ठीक है पर आपकी क्या राय है महोदय?<br />
आपकी प्रतिक्रिया मेरा उत्साह है।<br />
शुक्रिया आदरणीय<br />
सादर आदरणीय राज़ नवादवी जी आपका ब्ल…tag:openbooks.ning.com,2013-07-20:5170231:Comment:3997952013-07-20T07:25:43.597ZVindu Babuhttps://openbooks.ning.com/profile/vandanatiwari
आदरणीय राज़ नवादवी जी आपका ब्लाग पर बहुत स्वागत है।<br />
गज़ल में हिंदी शब्दों के प्रयोग पर लोगों की अलग-अलग राय है, ठीक है पर आपकी क्या राय है महोदय?<br />
आपकी प्रतिक्रिया मेरा उत्साह है।<br />
शुक्रिया आदरणीय<br />
सादर
आदरणीय राज़ नवादवी जी आपका ब्लाग पर बहुत स्वागत है।<br />
गज़ल में हिंदी शब्दों के प्रयोग पर लोगों की अलग-अलग राय है, ठीक है पर आपकी क्या राय है महोदय?<br />
आपकी प्रतिक्रिया मेरा उत्साह है।<br />
शुक्रिया आदरणीय<br />
सादर आदरणीय राज़ नवादवी जी आपका ब्ल…tag:openbooks.ning.com,2013-07-20:5170231:Comment:3998302013-07-20T07:25:43.481ZVindu Babuhttps://openbooks.ning.com/profile/vandanatiwari
आदरणीय राज़ नवादवी जी आपका ब्लाग पर बहुत स्वागत है।<br />
गज़ल में हिंदी शब्दों के प्रयोग पर लोगों की अलग-अलग राय है, ठीक है पर आपकी क्या राय है महोदय?<br />
आपकी प्रतिक्रिया मेरा उत्साह है।<br />
शुक्रिया आदरणीय<br />
सादर
आदरणीय राज़ नवादवी जी आपका ब्लाग पर बहुत स्वागत है।<br />
गज़ल में हिंदी शब्दों के प्रयोग पर लोगों की अलग-अलग राय है, ठीक है पर आपकी क्या राय है महोदय?<br />
आपकी प्रतिक्रिया मेरा उत्साह है।<br />
शुक्रिया आदरणीय<br />
सादर