Comments - मेरा ख्याल - Open Books Online2024-03-28T09:00:42Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A372840&xn_auth=noआपका लेखन काफी अच्छा है, लिख…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3740342013-06-07T09:26:34.730Zराजेश 'मृदु'https://openbooks.ning.com/profile/RajeshKumarJha
<p>आपका लेखन काफी अच्छा है, लिखते रहें और खूब लिखें पर अपनी शैली को मत छोड़ें, ढेरों शुभकामनाएं</p>
<p>आपका लेखन काफी अच्छा है, लिखते रहें और खूब लिखें पर अपनी शैली को मत छोड़ें, ढेरों शुभकामनाएं</p> रौशनी जी
हकीकत बड़ी कड़वी है इ…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3737612013-06-07T07:08:03.400Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>रौशनी जी </p>
<p>हकीकत बड़ी कड़वी है इस लिए ख्वाबो का जहाँ सजाते हैं अपने ख्यालो से खूबसूरत बनाते हैं :) <br/>हमारे ख्यालो की खूबसूरती को पंसद करने के लिए आप का आभार </p>
<p>रौशनी जी </p>
<p>हकीकत बड़ी कड़वी है इस लिए ख्वाबो का जहाँ सजाते हैं अपने ख्यालो से खूबसूरत बनाते हैं :) <br/>हमारे ख्यालो की खूबसूरती को पंसद करने के लिए आप का आभार </p> दिव्या जी
बहुत खूबसूरत ख्याल…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3740102013-06-07T07:04:27.193ZRoshni Dhirhttps://openbooks.ning.com/profile/RoshniDhir
<p>दिव्या जी </p>
<p>बहुत खूबसूरत ख्याल ...</p>
<p>दिव्या जी </p>
<p>बहुत खूबसूरत ख्याल ...</p> आदरणीय ब्रिजेश जी,
आप को उम्…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3738242013-06-07T06:57:11.480Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय ब्रिजेश जी, </p>
<p>आप को उम्र ओर अनुभव दोनों में बड़े हैं क्षमा मांग के शर्मिंदा मत कीजिये | जिन कमियों को आपने इंगित किया है आगे प्रयास करुँगी वो दूर हो सके .... <br/>आप का ह्रदय से आभार </p>
<p>आदरणीय ब्रिजेश जी, </p>
<p>आप को उम्र ओर अनुभव दोनों में बड़े हैं क्षमा मांग के शर्मिंदा मत कीजिये | जिन कमियों को आपने इंगित किया है आगे प्रयास करुँगी वो दूर हो सके .... <br/>आप का ह्रदय से आभार </p> आदरणीया प्रज्ञाजी एंव श्याम व…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3738192013-06-07T06:36:03.105Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीया प्रज्ञाजी एंव श्याम वर्मा जी, सरहाना के लिए आप का ह्रदय से आभार </p>
<p>आदरणीया प्रज्ञाजी एंव श्याम वर्मा जी, सरहाना के लिए आप का ह्रदय से आभार </p> आदरणीय विजय निकोर जी, आप की स…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3737522013-06-07T06:30:07.112Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय विजय निकोर जी,<br/> आप की सरहाना के लिए ह्रदय से आभार </p>
<p>आदरणीय विजय निकोर जी,<br/> आप की सरहाना के लिए ह्रदय से आभार </p> आदरणीय विजय मिश्र जी,
आप का…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3737512013-06-07T06:22:35.230Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय विजय मिश्र जी, </p>
<p>आप का ह्रदय से आभार </p>
<p>आदरणीय विजय मिश्र जी, </p>
<p>आप का ह्रदय से आभार </p> आदरणीय रविकर जी,
बहुत खूब दो…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3736012013-06-07T06:15:33.806Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय रविकर जी, </p>
<p>बहुत खूब दो पंक्तियों में ही सब समा गया "गागर में सागर" <br/>आप का ह्रदय से आभार </p>
<p>आदरणीय रविकर जी, </p>
<p>बहुत खूब दो पंक्तियों में ही सब समा गया "गागर में सागर" <br/>आप का ह्रदय से आभार </p> आदरणीय सौरभ पांडये जी, प्रोत…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3736002013-06-07T06:12:55.533Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय सौरभ पांडये जी, <br/>प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया ओर शुभकामनाओ के लिए आप का ह्रदय से आभार <br/><br/></p>
<p>आदरणीय सौरभ पांडये जी, <br/>प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया ओर शुभकामनाओ के लिए आप का ह्रदय से आभार <br/><br/></p> आदरणीया..दिव्या जी, सादर आभार…tag:openbooks.ning.com,2013-06-07:5170231:Comment:3737482013-06-07T06:12:41.651Zजितेन्द्र पस्टारियाhttps://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
आदरणीया..दिव्या जी, सादर आभार आपका 'आपकी पंक्तियां बहुत सुंदर है '..आदरणीया..शुभकामनाऐं स्वीकार करें...
आदरणीया..दिव्या जी, सादर आभार आपका 'आपकी पंक्तियां बहुत सुंदर है '..आदरणीया..शुभकामनाऐं स्वीकार करें...