Comments - इश्क कि दास्तान है प्यारे - Open Books Online2024-03-29T09:44:33Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A316565&xn_auth=noवाह दिव्या जी वाह पंक्ति पंक्…tag:openbooks.ning.com,2013-05-01:5170231:Comment:3562702013-05-01T11:34:51.391Zअरुन 'अनन्त'https://openbooks.ning.com/profile/ArunSharma
<p>वाह दिव्या जी वाह पंक्ति पंक्ति प्रेम के रस से सराबोर है, पंक्ति पंक्ति अद्भुत प्रेम को व्यक्त कर रहे हैं. पहले कभी ऐसी प्रेम कहानी नहीं सुनी बहुत ही सुन्दर भाव और प्रस्तुतिकरण भी उतना है सुन्दर है . मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकारें.</p>
<p>वाह दिव्या जी वाह पंक्ति पंक्ति प्रेम के रस से सराबोर है, पंक्ति पंक्ति अद्भुत प्रेम को व्यक्त कर रहे हैं. पहले कभी ऐसी प्रेम कहानी नहीं सुनी बहुत ही सुन्दर भाव और प्रस्तुतिकरण भी उतना है सुन्दर है . मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकारें.</p> दिव्या जी,सादर अभिवादन |
बहुत…tag:openbooks.ning.com,2013-02-20:5170231:Comment:3218432013-02-20T17:19:40.857Zajay yadavhttps://openbooks.ning.com/profile/ajayyadav
<p>दिव्या जी,सादर अभिवादन |</p>
<p>बहुत खूबसूरत रचना |</p>
<p>आपकी इस रचना को पढ़कर मन हर्षित हों गया |आप बिल्कुल कमाल की लिखती हैं ,बोलती हैं |बिल्कुल मन को छू जाने वाली रचना |</p>
<p>दिव्या जी,सादर अभिवादन |</p>
<p>बहुत खूबसूरत रचना |</p>
<p>आपकी इस रचना को पढ़कर मन हर्षित हों गया |आप बिल्कुल कमाल की लिखती हैं ,बोलती हैं |बिल्कुल मन को छू जाने वाली रचना |</p> शुक्रिया परवीन मैम हौसला बढ़ान…tag:openbooks.ning.com,2013-02-13:5170231:Comment:3174672013-02-13T06:34:02.699Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>शुक्रिया परवीन मैम हौसला बढ़ाने के लिए </p>
<p>शुक्रिया परवीन मैम हौसला बढ़ाने के लिए </p> आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी, विश…tag:openbooks.ning.com,2013-02-13:5170231:Comment:3173062013-02-13T06:33:28.465Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी, विशेष धन्यवाद आप को हौसला बढाती प्रतिक्रिया के लिए, आप सब का आभार </p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी, विशेष धन्यवाद आप को हौसला बढाती प्रतिक्रिया के लिए, आप सब का आभार </p> आदरणीय कुशवाह चाचा जी, आप का…tag:openbooks.ning.com,2013-02-13:5170231:Comment:3174622013-02-13T06:31:12.532Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय कुशवाह चाचा जी, आप का आशीर्वाद है आप से बहुत कुछ सिखने को मिला है और यूँ ही मिलता रहे | आप का शुक्रिया </p>
<p>आदरणीय कुशवाह चाचा जी, आप का आशीर्वाद है आप से बहुत कुछ सिखने को मिला है और यूँ ही मिलता रहे | आप का शुक्रिया </p> आदरणीय डॉ अजय जी, छोटी सी कोश…tag:openbooks.ning.com,2013-02-13:5170231:Comment:3174612013-02-13T06:29:55.604Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय डॉ अजय जी, छोटी सी कोशिश थी लिखने कि आप को पसंद आई इसके लिए आप का तहे दिल से शुक्रिया </p>
<p>आदरणीय डॉ अजय जी, छोटी सी कोशिश थी लिखने कि आप को पसंद आई इसके लिए आप का तहे दिल से शुक्रिया </p> आदरणीय विजय सर,
लिखने का ज्ञ…tag:openbooks.ning.com,2013-02-13:5170231:Comment:3172992013-02-13T06:28:16.493Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय विजय सर, </p>
<p>लिखने का ज्ञान नहीं है बस थोडा बहुत भावनाओं को कागज में उकेर देती हूँ | आप का आभार </p>
<p>आदरणीय विजय सर, </p>
<p>लिखने का ज्ञान नहीं है बस थोडा बहुत भावनाओं को कागज में उकेर देती हूँ | आप का आभार </p> आदरणीया, प्राची जी,
आप के प्…tag:openbooks.ning.com,2013-02-13:5170231:Comment:3173892013-02-13T06:26:42.617Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीया, प्राची जी, </p>
<p>आप के प्यार और आशीष से मन अभिभूत है खुले दिल से प्रशंसा के लिए आप का हृदय कि गहरियो से आभार </p>
<p>आपने हौसला बढ़ाया है जल्दी ही कुछ और ले कर आयेंगे :) उम्मीद है ये ही प्यार मिलेगा </p>
<p>आदरणीया, प्राची जी, </p>
<p>आप के प्यार और आशीष से मन अभिभूत है खुले दिल से प्रशंसा के लिए आप का हृदय कि गहरियो से आभार </p>
<p>आपने हौसला बढ़ाया है जल्दी ही कुछ और ले कर आयेंगे :) उम्मीद है ये ही प्यार मिलेगा </p> आदरणीय, नादिर सर,
इस खूबसूरत…tag:openbooks.ning.com,2013-02-13:5170231:Comment:3175552013-02-13T06:22:26.208Zदिव्याhttps://openbooks.ning.com/profile/1e53a13bezula
<p>आदरणीय, नादिर सर, </p>
<p>इस खूबसूरत सी प्रतिक्रिया के लिए आप का ह्रदय से आभार </p>
<p>आदरणीय, नादिर सर, </p>
<p>इस खूबसूरत सी प्रतिक्रिया के लिए आप का ह्रदय से आभार </p> बहुत सुन्दर रचना दिव्या जी ..…tag:openbooks.ning.com,2013-02-12:5170231:Comment:3171622013-02-12T05:04:47.558ZParveen Malikhttps://openbooks.ning.com/profile/ParveenMalik
<p>बहुत सुन्दर रचना दिव्या जी .... बधाई !</p>
<p>बहुत सुन्दर रचना दिव्या जी .... बधाई !</p>