Comments - "दुआ" - Open Books Online2024-03-28T16:43:32Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A194613&xn_auth=noसराहना के लिए आभारीहूँ लता जी…tag:openbooks.ning.com,2012-03-23:5170231:Comment:2043502012-03-23T10:29:10.077Zसंदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'https://openbooks.ning.com/profile/SandeipDwivediWahidKashiwasi
<p>सराहना के लिए आभारीहूँ लता जी! सादर,</p>
<p>सराहना के लिए आभारीहूँ लता जी! सादर,</p> बहुत खूब कहते हैं आप स…tag:openbooks.ning.com,2012-03-23:5170231:Comment:2044392012-03-23T09:25:07.902ZLata R.Ojhahttps://openbooks.ning.com/profile/LataOjha
<p><span>बहुत खूब कहते हैं आप संदीप जी ..</span></p>
<p><span>बहुत खूब कहते हैं आप संदीप जी ..</span></p> भाई संदीप जी मुझे पिछले दिनों…tag:openbooks.ning.com,2012-03-23:5170231:Comment:2042572012-03-23T08:57:25.175Zवीनस केसरीhttps://openbooks.ning.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p>भाई संदीप जी मुझे पिछले दिनों आपसे बहुत कुछ सीखने को मिला है <br/>कोशिश कर रहा हूँ कि आपसे जो सीखा है उसे निभा सकूं <br/>सादर</p>
<p>भाई संदीप जी मुझे पिछले दिनों आपसे बहुत कुछ सीखने को मिला है <br/>कोशिश कर रहा हूँ कि आपसे जो सीखा है उसे निभा सकूं <br/>सादर</p> पुनश्चः आभार प्रकट करता हूँ व…tag:openbooks.ning.com,2012-03-23:5170231:Comment:2042452012-03-23T08:04:18.481Zसंदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'https://openbooks.ning.com/profile/SandeipDwivediWahidKashiwasi
<p>पुनश्चः आभार प्रकट करता हूँ वीनस जी! इस क्षेत्र में अभी आपसे पीछे हूँ आप मार्गदर्शक बने रहेंगे तो जानकारी और भी अद्यतन होती रहेगी| :))</p>
<p>पुनश्चः आभार प्रकट करता हूँ वीनस जी! इस क्षेत्र में अभी आपसे पीछे हूँ आप मार्गदर्शक बने रहेंगे तो जानकारी और भी अद्यतन होती रहेगी| :))</p> आपकी जानकारी को प्रणाम करता ह…tag:openbooks.ning.com,2012-03-23:5170231:Comment:2043212012-03-23T07:35:33.850Zवीनस केसरीhttps://openbooks.ning.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p>आपकी जानकारी को प्रणाम करता हूँ <br/><br/>सादर</p>
<p>आपकी जानकारी को प्रणाम करता हूँ <br/><br/>सादर</p> मुश्किल अलफ़ाज़ के मायने दे देन…tag:openbooks.ning.com,2012-03-23:5170231:Comment:2044142012-03-23T07:18:42.565Zसंदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'https://openbooks.ning.com/profile/SandeipDwivediWahidKashiwasi
<p>मुश्किल अलफ़ाज़ के मायने दे देने से उर्दू की कम जानकारी रखने वालों को आसानी होती है| आपका आभार, :)</p>
<p>मुश्किल अलफ़ाज़ के मायने दे देने से उर्दू की कम जानकारी रखने वालों को आसानी होती है| आपका आभार, :)</p> बरसों से मैं सफ़र में ही मुब्त…tag:openbooks.ning.com,2012-03-23:5170231:Comment:2041732012-03-23T07:05:30.240Zवीनस केसरीhttps://openbooks.ning.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p><span style="color: #3366ff;" class="font-size-3">बरसों से मैं सफ़र में ही मुब्तला रहा,</span><br/> <span style="color: #3366ff;" class="font-size-3">अब भी वहीं खड़ा हूँ जिस दिन था मैं चला;</span><br/><br/>वाह <br/>आपने शब्दार्थ दे कर बड़ा सुन्दर काम किया है <br/>धन्यावाद</p>
<p><span style="color: #3366ff;" class="font-size-3">बरसों से मैं सफ़र में ही मुब्तला रहा,</span><br/> <span style="color: #3366ff;" class="font-size-3">अब भी वहीं खड़ा हूँ जिस दिन था मैं चला;</span><br/><br/>वाह <br/>आपने शब्दार्थ दे कर बड़ा सुन्दर काम किया है <br/>धन्यावाद</p> शुक्रिया मनोज भाई, यहाँ आप कि…tag:openbooks.ning.com,2012-03-12:5170231:Comment:1993562012-03-12T07:36:41.691Zसंदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'https://openbooks.ning.com/profile/SandeipDwivediWahidKashiwasi
<p>शुक्रिया मनोज भाई, यहाँ आप कि उपस्थिति से अत्यंत हर्ष हो रहा है|</p>
<p>शुक्रिया मनोज भाई, यहाँ आप कि उपस्थिति से अत्यंत हर्ष हो रहा है|</p> बरसों से मैं सफर में ही मुब्त…tag:openbooks.ning.com,2012-03-12:5170231:Comment:1991752012-03-12T03:06:52.099Zमनोज कुमार सिंह 'मयंक'https://openbooks.ning.com/profile/2pfvid8pxd2o7
<p>बरसों से मैं सफर में ही मुब्तला रहा,</p>
<p>अब भी वहीँ खड़ा हूँ जिस दिन था मैं चला..वाह बहुत खूब..मुबारकबाद..</p>
<p>बरसों से मैं सफर में ही मुब्तला रहा,</p>
<p>अब भी वहीँ खड़ा हूँ जिस दिन था मैं चला..वाह बहुत खूब..मुबारकबाद..</p> दाद के लिए शुक्रिया राज जी|tag:openbooks.ning.com,2012-03-10:5170231:Comment:1986542012-03-10T08:05:38.640Zसंदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'https://openbooks.ning.com/profile/SandeipDwivediWahidKashiwasi
<p>दाद के लिए शुक्रिया राज जी|</p>
<p>दाद के लिए शुक्रिया राज जी|</p>