Comments - इलाहाबाद : काव्य गोष्ठी - Open Books Online2024-03-29T13:17:07Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A169924&xn_auth=no बहुत खूब !! सनातन काल से ही…tag:openbooks.ning.com,2011-12-13:5170231:Comment:1741552011-12-13T12:54:10.072Zsanjay parasharhttps://openbooks.ning.com/profile/sanjayparashar
<p> बहुत खूब !! सनातन काल से ही साहित्य और साहित्यकारों की रक्षा ऐसी ही गोष्ठियों द्वारा होती रही है .. उक्त क्रम यूं ही बना रहे इन्हीं कामनाओं के साथ ... अपार बधाईयाँ !! </p>
<p> बहुत खूब !! सनातन काल से ही साहित्य और साहित्यकारों की रक्षा ऐसी ही गोष्ठियों द्वारा होती रही है .. उक्त क्रम यूं ही बना रहे इन्हीं कामनाओं के साथ ... अपार बधाईयाँ !! </p> भइया, येई तो है कविताई.. कबौ-…tag:openbooks.ning.com,2011-12-04:5170231:Comment:1722142011-12-04T13:07:08.912ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>भइया, येई तो है कविताई.. कबौ-कबौ बिम्ब बम्ब के नाईं लाग परै.. सोझा कप्पारै पर.. :-))))))) </p>
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<p>भइया, येई तो है कविताई.. कबौ-कबौ बिम्ब बम्ब के नाईं लाग परै.. सोझा कप्पारै पर.. :-))))))) </p>
<p></p> महोदय, मेरे एक मित्र हैं विवे…tag:openbooks.ning.com,2011-12-04:5170231:Comment:1718632011-12-04T12:36:23.549Zवीनस केसरीhttps://openbooks.ning.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p>महोदय, मेरे एक मित्र हैं विवेक मिसरा और उनके एक मित्र हैं सक्तीश जी <br/>तो जब विवेक से सक्तीश ने एक बार पूछा था कि <br/>"का हो गुरु रसगुल्ला के फोटो कहाँ है ?"<br/><br/>तो हमारे मित्र विवेक मिसरा का कहना था कि "वो तो मुंह से वाया पेट होते हुए कहीं और पहुँच गए"<br/><br/>तो आप देख सकते हैं कि मैंने कोई गज़ल गीत नहीं लिखा है मगर बिम्ब में बात की है और आप समझदार बहुत हैं <br/><br/>हैं न ?</p>
<p>महोदय, मेरे एक मित्र हैं विवेक मिसरा और उनके एक मित्र हैं सक्तीश जी <br/>तो जब विवेक से सक्तीश ने एक बार पूछा था कि <br/>"का हो गुरु रसगुल्ला के फोटो कहाँ है ?"<br/><br/>तो हमारे मित्र विवेक मिसरा का कहना था कि "वो तो मुंह से वाया पेट होते हुए कहीं और पहुँच गए"<br/><br/>तो आप देख सकते हैं कि मैंने कोई गज़ल गीत नहीं लिखा है मगर बिम्ब में बात की है और आप समझदार बहुत हैं <br/><br/>हैं न ?</p> वीनस भाई! ढोकलों की फोटुएँ कह…tag:openbooks.ning.com,2011-12-04:5170231:Comment:1720272011-12-04T05:46:02.117Zविवेक मिश्रhttps://openbooks.ning.com/profile/VivekMishra
<p>वीनस भाई! ढोकलों की फोटुएँ कहाँ हैं? :)))</p>
<p>वीनस भाई! ढोकलों की फोटुएँ कहाँ हैं? :)))</p> साहित्यिक नगरी में "ओ बी ओ का…tag:openbooks.ning.com,2011-11-26:5170231:Comment:1697542011-11-26T18:26:04.073ZAdminhttps://openbooks.ning.com/profile/Admin
साहित्यिक नगरी में "ओ बी ओ काव्य गोष्टी" के सफल संचालन पर आप सभी को अनेकानेक धन्यवाद |
साहित्यिक नगरी में "ओ बी ओ काव्य गोष्टी" के सफल संचालन पर आप सभी को अनेकानेक धन्यवाद |