Comments - गज़ल ः - Open Books Online2024-03-29T07:01:24Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1100933&xn_auth=noआदरणीय चेतन जी अच्छा प्रयास ह…tag:openbooks.ning.com,2023-03-31:5170231:Comment:11015952023-03-31T06:38:26.370Zबृजेश कुमार 'ब्रज'https://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>आदरणीय चेतन जी अच्छा प्रयास है...आदरणीय धामी जी से सहमत हूँ...</p>
<p>आदरणीय चेतन जी अच्छा प्रयास है...आदरणीय धामी जी से सहमत हूँ...</p> आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन…tag:openbooks.ning.com,2023-03-22:5170231:Comment:11016172023-03-22T16:30:57.818Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। </p>
<p><span>सबूतों बात ये कह दी अभी से"" इस पंक्ति का भाव कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है। </span></p>
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<p><span>अकेलापन बड़ी सबसे सज़ा है//इसे ऐसा करने से कुछ प्रभाव बढ़ेगा- अकेलापन सजा सबसे बड़ी है । सादर...</span></p>
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<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। </p>
<p><span>सबूतों बात ये कह दी अभी से"" इस पंक्ति का भाव कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है। </span></p>
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<p><span>अकेलापन बड़ी सबसे सज़ा है//इसे ऐसा करने से कुछ प्रभाव बढ़ेगा- अकेलापन सजा सबसे बड़ी है । सादर...</span></p>
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