Comments - बरसों बाद मनायें होली(गीत-२०)-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर" - Open Books Online2024-03-29T05:58:59Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1100673&xn_auth=noवाह आदरणीय धामी जी क्या ही रं…tag:openbooks.ning.com,2023-03-31:5170231:Comment:11017892023-03-31T06:29:08.891Zबृजेश कुमार 'ब्रज'https://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह आदरणीय धामी जी क्या ही रंग बिरंगा गीत रचा है...</p>
<p>वाह आदरणीय धामी जी क्या ही रंग बिरंगा गीत रचा है...</p> आ . भाई सोनांचली जी, सादर अभि…tag:openbooks.ning.com,2023-03-22:5170231:Comment:11017172023-03-22T15:42:15.018Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ . भाई सोनांचली जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।</p>
<p>आ . भाई सोनांचली जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।</p> आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी स…tag:openbooks.ning.com,2023-03-22:5170231:Comment:11016112023-03-22T06:29:43.507Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी सादर अभिवादन। बढ़िया लिखा है आपने</p>
<p>आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी सादर अभिवादन। बढ़िया लिखा है आपने</p> आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooks.ning.com,2023-03-20:5170231:Comment:11012342023-03-20T00:31:03.302Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति, स्नेह एवं मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए आभार। </p>
<p></p>
<p>आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति, स्नेह एवं मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए आभार। </p>
<p></p> सरसी छंद आधारित सुन्दर होली…tag:openbooks.ning.com,2023-03-18:5170231:Comment:11012172023-03-18T02:12:28.071ZChetan Prakashhttps://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p> सरसी छंद आधारित सुन्दर होली गीत, बधाई, आ. भाई लक्ष्मण सिंह मुसाफिर ! हाँ, वर्तनी की अशुद्धियां, जैसे " दसकों "और "तपिष" खलती भी हैं ! </p>
<p> सरसी छंद आधारित सुन्दर होली गीत, बधाई, आ. भाई लक्ष्मण सिंह मुसाफिर ! हाँ, वर्तनी की अशुद्धियां, जैसे " दसकों "और "तपिष" खलती भी हैं ! </p> होली गीत, प्रेम गीत, विरह गीत…tag:openbooks.ning.com,2023-03-17:5170231:Comment:11011152023-03-17T19:13:31.271Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>होली गीत, प्रेम गीत, विरह गीत...... कितने रंग भर दिए लक्ष्मण भाई. एक उत्कृष्ट रचना। मास्टरपीस</p>
<p>होली गीत, प्रेम गीत, विरह गीत...... कितने रंग भर दिए लक्ष्मण भाई. एक उत्कृष्ट रचना। मास्टरपीस</p> "आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। ग…tag:openbooks.ning.com,2023-03-17:5170231:Comment:11014142023-03-17T09:54:19.958Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p><span>"आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।</span></p>
<p><span>"आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।</span></p> आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर भ…tag:openbooks.ning.com,2023-03-09:5170231:Comment:11008772023-03-09T04:49:01.794ZRachna Bhatiahttps://openbooks.ning.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर भाई नमस्कार। होली गीत बेहतरीन हुआ। हार्दिक बधाई </p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर भाई नमस्कार। होली गीत बेहतरीन हुआ। हार्दिक बधाई </p>