Comments - पिता - दोहे - Open Books Online2024-03-28T11:30:13Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1085666&xn_auth=noआ. भाई नाथ सोनांचली जी सादर अ…tag:openbooks.ning.com,2022-06-23:5170231:Comment:10858462022-06-23T06:49:46.209Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नाथ सोनांचली जी सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई नाथ सोनांचली जी सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।</p> आद0 लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर" जी…tag:openbooks.ning.com,2022-06-22:5170231:Comment:10857012022-06-22T14:57:42.759Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर" जी सादर अभिवादन</p>
<p>पिता पर बढ़िया दोहावली हुई है। </p>
<p>पत्थर से व्यवहार में, अन्तस को रख नर्म</p>
<p>हर इच्छा... </p>
<p>क्या कहने,, बहुत खूब।</p>
<p>आद0 लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर" जी सादर अभिवादन</p>
<p>पिता पर बढ़िया दोहावली हुई है। </p>
<p>पत्थर से व्यवहार में, अन्तस को रख नर्म</p>
<p>हर इच्छा... </p>
<p>क्या कहने,, बहुत खूब।</p> आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन…tag:openbooks.ning.com,2022-06-22:5170231:Comment:10856992022-06-22T13:04:41.882Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व स्नेह के लिए हार्दिक आभार।</p>
<p>आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व स्नेह के लिए हार्दिक आभार।</p> वाह आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बह…tag:openbooks.ning.com,2022-06-20:5170231:Comment:10855902022-06-20T06:16:46.547ZSushil Sarnahttps://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
वाह आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत सुंदर और सार्थक दोहावली हुई है ।हार्दिक बधाई सर
वाह आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत सुंदर और सार्थक दोहावली हुई है ।हार्दिक बधाई सर