Comments - ग़ज़ल-जल उठा - Open Books Online2024-03-29T04:52:07Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1082572&xn_auth=noउचित है आदरणीय समर कबीर जी...…tag:openbooks.ning.com,2022-04-27:5170231:Comment:10827062022-04-27T14:47:26.022Zबृजेश कुमार 'ब्रज'https://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>उचित है आदरणीय समर कबीर जी...रोजमर्रा बोले जाने वाले बहुत शब्द हैं जो हम गलत उच्चारण करते हैं...इसलिए ये कमियां रह जाती हैं।</p>
<p>लेकिन ओबीओ पे आप हैं बताने के लिए...उसके लिए आपका धन्यवाद...लेकिन अगर 'हद्द' 21 भी लें तो 'एक हद्द' को 212 पढा जा सकता है न??</p>
<p>उचित है आदरणीय समर कबीर जी...रोजमर्रा बोले जाने वाले बहुत शब्द हैं जो हम गलत उच्चारण करते हैं...इसलिए ये कमियां रह जाती हैं।</p>
<p>लेकिन ओबीओ पे आप हैं बताने के लिए...उसके लिए आपका धन्यवाद...लेकिन अगर 'हद्द' 21 भी लें तो 'एक हद्द' को 212 पढा जा सकता है न??</p> जनाब बृजेश कुमार जी आदाब , ग़ज़…tag:openbooks.ning.com,2022-04-26:5170231:Comment:10826032022-04-26T10:15:15.299ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब बृजेश कुमार जी आदाब , ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें I </p>
<p></p>
<p><span>'वहशियों ने वहशतों की तोड़ दी हर एक हद'</span></p>
<p><span>आपकी जानकारी के लिए बता रहा हूँ कि इस मिसरे में सहीह शब्द "हद्द" 21 है ,देखिएगा I </span></p>
<p>जनाब बृजेश कुमार जी आदाब , ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें I </p>
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<p><span>'वहशियों ने वहशतों की तोड़ दी हर एक हद'</span></p>
<p><span>आपकी जानकारी के लिए बता रहा हूँ कि इस मिसरे में सहीह शब्द "हद्द" 21 है ,देखिएगा I </span></p>