Comments - मकर संक्रांति के दोहे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर" - Open Books Online2024-03-28T20:52:14Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1076919&xn_auth=no//जिन्हें आपने जगण से शुरु बा…tag:openbooks.ning.com,2022-01-30:5170231:Comment:10786142022-01-30T05:49:37.437Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>//जिन्हें आपने जगण से शुरु बाताया है वे जगण नहीं है। जगण के उदाहरण ये हैंजैसे जमीन, किसान आदि शब्द।//</p>
<p>इस जानकारी के लिये धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण जी। सादर। </p>
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<p>//जिन्हें आपने जगण से शुरु बाताया है वे जगण नहीं है। जगण के उदाहरण ये हैंजैसे जमीन, किसान आदि शब्द।//</p>
<p>इस जानकारी के लिये धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण जी। सादर। </p>
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<p></p> आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभ…tag:openbooks.ning.com,2022-01-30:5170231:Comment:10786082022-01-30T01:13:16.414Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p>
<p></p>
<p>इंगित पंक्तियों को यूँ पढ़ें</p>
<p><span>आज उत्तरायण चले,' ' कर प्रथम माध स्नान' </span></p>
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<p>जिन्हें आपने जगण से शुरु बाताया है वे जगण नहीं है। जगण के उदाहरण ये हैं</p>
<p>जैसे जमीन, किसान आदि शब्द। सादर..</p>
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<p>आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p>
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<p>इंगित पंक्तियों को यूँ पढ़ें</p>
<p><span>आज उत्तरायण चले,' ' कर प्रथम माध स्नान' </span></p>
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<p>जिन्हें आपने जगण से शुरु बाताया है वे जगण नहीं है। जगण के उदाहरण ये हैं</p>
<p>जैसे जमीन, किसान आदि शब्द। सादर..</p>
<p></p> आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ…tag:openbooks.ning.com,2022-01-14:5170231:Comment:10768222022-01-14T12:11:28.316Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर अच्छे दोहे रचे हैं आपने हार्दिक बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>'आज उत्तरायण हो चले,' 'प्रथम माध स्नान' इन चरणों में मात्राओं की संख्या कितनी गिनी है आपने, </p>
<p>'निशा घटे बढ़ते दिवस,' 'कहो मकर संक्रांत या,' इन चरणों को 'जगण' से प्रारंभ किया जाना क्या उचित है?</p>
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<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर अच्छे दोहे रचे हैं आपने हार्दिक बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>'आज उत्तरायण हो चले,' 'प्रथम माध स्नान' इन चरणों में मात्राओं की संख्या कितनी गिनी है आपने, </p>
<p>'निशा घटे बढ़ते दिवस,' 'कहो मकर संक्रांत या,' इन चरणों को 'जगण' से प्रारंभ किया जाना क्या उचित है?</p>
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