Comments - ग़ज़ल (हँसी में उनकी हमने वो छुपा ख़ंजर नहीं देखा ) - Open Books Online2024-03-29T00:41:19Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1076153&xn_auth=noआदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ…tag:openbooks.ning.com,2022-01-30:5170231:Comment:10783422022-01-30T05:45:06.239Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का शुक्रिया।</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का शुक्रिया।</p> आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सुन्दर…tag:openbooks.ning.com,2022-01-30:5170231:Comment:10786102022-01-30T01:39:27.748Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सुन्दर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सुन्दर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p> बहुत शुक्रिया आदरणीय तेजवीर स…tag:openbooks.ning.com,2022-01-14:5170231:Comment:10769202022-01-14T08:26:55.661Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>बहुत शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी ।</p>
<p>बहुत शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय अमीरुददीन…tag:openbooks.ning.com,2022-01-14:5170231:Comment:10767822022-01-14T06:29:04.714ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p><span>हार्दिक बधाई आदरणीय अमीरुददीन "अमीर" साहब जी। बेहतरीन ग़ज़ल</span></p>
<p>कहाँ लेकर ये ख़ाली हाथ मौला मैं चला जाऊँ</p>
<p>तेरे दर के सिवा मैंने तो कोई दर नहीं देखा ।</p>
<p><span>हार्दिक बधाई आदरणीय अमीरुददीन "अमीर" साहब जी। बेहतरीन ग़ज़ल</span></p>
<p>कहाँ लेकर ये ख़ाली हाथ मौला मैं चला जाऊँ</p>
<p>तेरे दर के सिवा मैंने तो कोई दर नहीं देखा ।</p> बहुत शुक्रिया जनाब आज़ी तमाम…tag:openbooks.ning.com,2022-01-13:5170231:Comment:10769122022-01-13T11:18:17.417Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>बहुत शुक्रिया जनाब आज़ी तमाम साहिब।</p>
<p>बहुत शुक्रिया जनाब आज़ी तमाम साहिब।</p> वाह आ ख़ूब ग़ज़ल हुईtag:openbooks.ning.com,2022-01-13:5170231:Comment:10768102022-01-13T07:04:40.166ZAazi Tamaamhttps://openbooks.ning.com/profile/AaziTamaa
<p>वाह आ ख़ूब ग़ज़ल हुई</p>
<p>वाह आ ख़ूब ग़ज़ल हुई</p> //ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है आदरण…tag:openbooks.ning.com,2022-01-12:5170231:Comment:10766952022-01-12T17:56:39.712Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>//ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है आदरणीय </p>
<p>बहुत बहुत बधाई</p>
<p><strong>नियमानुसार</strong> बहर <strong>अवश्य</strong> <strong>लिखा करें</strong> तो अच्छा रहेगा</p>
<p>इस ग़ज़ल की बहर 1222×4 लग रही है//</p>
<p>जनाब मनोज अहसास जी ग़ज़ल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन हेतु आभार ।</p>
<p>मान्यवर! नियमानुसार... किस नियम की बात कर रहे हैं आप, कृपया अवगत कराने का कष्ट करें, वैसे मेरी अधिकतर ग़ज़लों पर पर बह्र लिखी होती है, हालांकि ओ बी ओ पर ऐसा कोई नियम मेरी जानकारी में नहीं होने के बावजूद भी पाठकों और…</p>
<p>//ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है आदरणीय </p>
<p>बहुत बहुत बधाई</p>
<p><strong>नियमानुसार</strong> बहर <strong>अवश्य</strong> <strong>लिखा करें</strong> तो अच्छा रहेगा</p>
<p>इस ग़ज़ल की बहर 1222×4 लग रही है//</p>
<p>जनाब मनोज अहसास जी ग़ज़ल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन हेतु आभार ।</p>
<p>मान्यवर! नियमानुसार... किस नियम की बात कर रहे हैं आप, कृपया अवगत कराने का कष्ट करें, वैसे मेरी अधिकतर ग़ज़लों पर पर बह्र लिखी होती है, हालांकि ओ बी ओ पर ऐसा कोई नियम मेरी जानकारी में नहीं होने के बावजूद भी पाठकों और विश्लेषकों की सुविधा के लिए मैं बह्र लिखता रहा हूँ, मगर "<strong>अवश्य लिखा करें" </strong>ये आदेशात्मक आज्ञा आप उन्हें क्यों नहीं देते हैं जो अपनी ग़ज़लों पर कभी बह्र नहीं लिखते हैं?</p>
<p>इस ग़ज़ल की बह्र को आपने सही पहचाना है, कभी-कभी ये मशक्कत करना भी अच्छा होता है। सादर। </p>
<p></p> ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है आदरणीय…tag:openbooks.ning.com,2022-01-11:5170231:Comment:10764992022-01-11T18:39:34.628Zमनोज अहसासhttps://openbooks.ning.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p><em>ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है आदरणीय </em></p>
<p><em>बहुत बहुत बधाई</em></p>
<p><em>नियमानुसार बहर अवश्य लिखा करें तो अच्छा रहेगा</em></p>
<p><em>इस ग़ज़ल की बहर 1222×4 लग रही है</em></p>
<p><em>सादर</em></p>
<p><em>ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है आदरणीय </em></p>
<p><em>बहुत बहुत बधाई</em></p>
<p><em>नियमानुसार बहर अवश्य लिखा करें तो अच्छा रहेगा</em></p>
<p><em>इस ग़ज़ल की बहर 1222×4 लग रही है</em></p>
<p><em>सादर</em></p>