Comments - सत्य (अतुकान्त) - Open Books Online2024-03-28T12:12:28Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1072126&xn_auth=noआ0 तेज वीर सिंह जी, हार्दिक आ…tag:openbooks.ning.com,2021-11-01:5170231:Comment:10726702021-11-01T06:29:50.230ZUsha Awasthihttps://openbooks.ning.com/profile/UshaAwasthi
<p>आ0 तेज वीर सिंह जी, हार्दिक आभार आपका</p>
<p>आ0 तेज वीर सिंह जी, हार्दिक आभार आपका</p> हार्दिक बधाई आदरणीय । बेहतरीन…tag:openbooks.ning.com,2021-10-31:5170231:Comment:10725872021-10-31T13:40:13.038ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय । बेहतरीन प्रस्तुति।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय । बेहतरीन प्रस्तुति।</p> आदाब , आ0 शेख शहज़ाद उस्मानी…tag:openbooks.ning.com,2021-10-30:5170231:Comment:10725732021-10-30T17:04:58.258ZUsha Awasthihttps://openbooks.ning.com/profile/UshaAwasthi
<p>आदाब , आ0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहेब, आपको विचार बेबाक लगे , मेरा लेखन सार्थक हुआ। हार्दिक धन्यवाद</p>
<p>आदाब , आ0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहेब, आपको विचार बेबाक लगे , मेरा लेखन सार्थक हुआ। हार्दिक धन्यवाद</p> आदाब। कम शब्दों में बेबाक विच…tag:openbooks.ning.com,2021-10-30:5170231:Comment:10727382021-10-30T13:38:29.300ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। कम शब्दों में बेबाक विचारोत्तेजक सत्य अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई आदरणीय उषा अवस्थी जी।</p>
<p>आदाब। कम शब्दों में बेबाक विचारोत्तेजक सत्य अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई आदरणीय उषा अवस्थी जी।</p> आ0 अमीरुद्दीन 'अमीर' साहेब, र…tag:openbooks.ning.com,2021-10-30:5170231:Comment:10725652021-10-30T07:08:23.254ZUsha Awasthihttps://openbooks.ning.com/profile/UshaAwasthi
<p>आ0 अमीरुद्दीन 'अमीर' साहेब, रचना पर सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद आपका</p>
<p>आ0 अमीरुद्दीन 'अमीर' साहेब, रचना पर सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद आपका</p> आ0 समर कबीर साहेब, रचना आपको…tag:openbooks.ning.com,2021-10-30:5170231:Comment:10727362021-10-30T07:03:18.427ZUsha Awasthihttps://openbooks.ning.com/profile/UshaAwasthi
<p>आ0 समर कबीर साहेब, रचना आपको अच्छी लगी,जानकर खुशी हुई।हार्दिक धन्यवाद आपका</p>
<p>आ0 समर कबीर साहेब, रचना आपको अच्छी लगी,जानकर खुशी हुई।हार्दिक धन्यवाद आपका</p> मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब, स…tag:openbooks.ning.com,2021-10-30:5170231:Comment:10727322021-10-30T02:16:29.037Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब, सत्य वचन। सुन्दर अतुकांत कविता के लिए हार्दिक बधाईयाँ स्वीकार करें। सादर।</p>
<p>मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब, सत्य वचन। सुन्दर अतुकांत कविता के लिए हार्दिक बधाईयाँ स्वीकार करें। सादर।</p> मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब ,…tag:openbooks.ning.com,2021-10-30:5170231:Comment:10727302021-10-30T01:55:50.252ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब , अच्छी अतुकांत कविता हुई है , बधाई स्वीकार करें I </p>
<p>मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब , अच्छी अतुकांत कविता हुई है , बधाई स्वीकार करें I </p> आ0 सुशील सरन जी , रचना सहज ल…tag:openbooks.ning.com,2021-10-29:5170231:Comment:10724022021-10-29T08:36:32.061ZUsha Awasthihttps://openbooks.ning.com/profile/UshaAwasthi
<p style="text-align: left;">आ0 सुशील सरन जी , रचना सहज लगने हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका</p>
<p style="text-align: left;">आ0 सुशील सरन जी , रचना सहज लगने हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका</p> वाह आदरणीया जी भावों की सहज अ…tag:openbooks.ning.com,2021-10-28:5170231:Comment:10723752021-10-28T15:03:47.321ZSushil Sarnahttps://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
वाह आदरणीया जी भावों की सहज अभिव्यक्ति । हार्दिक बधाई
वाह आदरणीया जी भावों की सहज अभिव्यक्ति । हार्दिक बधाई