Comments - विश्व पटल पर हिन्दी का परचम लहराया - Open Books Online2024-03-28T09:42:49Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1068341&xn_auth=noआदरणीया बबिता जी, आपके आलेख क…tag:openbooks.ning.com,2021-09-23:5170231:Comment:10697172021-09-23T13:43:52.734ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया बबिता जी, आपके आलेख को एक बार में पढ़ गया. इस प्रयास के लिए बधाई. </p>
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<p>लेकिन कुछ सुझाव आवश्यक है कि साझा करूँ. </p>
<p>सर्वप्रथम तो जिस विषय में आप लेख लिख रही हैं, उसका प्रस्तुतीकरण स्पष्ट तथा संप्रेषणीय हो. आप अपने आलेख को अभी देख कर उचित रूप से समझ सकती हैं. </p>
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<p>दूसरे, आप जिस विषय पर लिखें उससे सम्बन्धित मूलभूत जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें. बिना समीचीन जानकारी के कोई आलेख कच्ची-पक्की सूचनाओं का जमावड़ा मात्र ही हो कर रह जाएगा. जैसा कि इस लेख के साथ हुआ है. हम…</p>
<p>आदरणीया बबिता जी, आपके आलेख को एक बार में पढ़ गया. इस प्रयास के लिए बधाई. </p>
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<p>लेकिन कुछ सुझाव आवश्यक है कि साझा करूँ. </p>
<p>सर्वप्रथम तो जिस विषय में आप लेख लिख रही हैं, उसका प्रस्तुतीकरण स्पष्ट तथा संप्रेषणीय हो. आप अपने आलेख को अभी देख कर उचित रूप से समझ सकती हैं. </p>
<p></p>
<p>दूसरे, आप जिस विषय पर लिखें उससे सम्बन्धित मूलभूत जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें. बिना समीचीन जानकारी के कोई आलेख कच्ची-पक्की सूचनाओं का जमावड़ा मात्र ही हो कर रह जाएगा. जैसा कि इस लेख के साथ हुआ है. हम नए लेखकों को प्रोत्साहित तो करते हैं. लेकिन ओबीओ कुछ भी लिख कर पोस्ट कर देने को प्रोत्साहन नहीं देता. </p>
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<p>आपके कई तथ्य मुझे स्पष्ट नहीं हो रहे. यथा,</p>
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<p>//<span><em>भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने 2006 में दस जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस की घोषणा की जाने के साथ ही विदेशों में भारतीय दूतावास इस दिवस पर विभिन्न विषयों पर हिन्दी में कार्यक्रम आयोजित करते हुये विशेष आयोजन करते हैं .. .. .. इसी परिप्रेक्ष्य में नागपुर में प्रथम विश्व हिन्दी दिवस 10 जनवरी,1975 में मनाया गया जिसमें तीस देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुये थे। और नार्वे में पहला विश्व हिन्दी दिवस भारतीय दूतावास ने मनाया था और दूसरा व तीसरा भारतीय नार्वे सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वावधान में लेखक सुरेशचन्द्र शुक्ल जी की अध्यक्षता में बहुत ही धूम-धाम से मनाया गया।</em>//</span></p>
<p></p>
<p>आप बताइए, इस पाराग्राफ से क्या सूचना मिलती है ? </p>
<p>इसी परिप्रेक्ष्य में का अर्थ यह होता है कि कोई चलती हुई घटना के आगे अन्य कार्यक्रम का आयोजित होना. यदि ऐसा है तो 2006 के बाद 1975 कैसे आया ? </p>
<p></p>
<p>//<span><em>उपेक्षित क्षेत्रों में भी अपना बोलवाला करता हिन्दी भाषा जो अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिला-जुला रूप हैं, ने दक्षिण प्रशस्त महासागर के मेलानेशिया में फिजी नाम के द्वीप में आधिकारिक तौर पर दर्जा प्राप्त कर लिया हैं</em> // </span></p>
<p></p>
<p><span>ये <em>उपेक्षित क्षेत्र </em> कौन से होते हैं ? और ऐसे क्षेत्रों में <em>हिन्दी का बोलबाला </em> है ? फिर क्या हिन्दी भाषाभाषी उपेक्षित क्षेत्र हैं ? यदि ऐसा है, तो इस मानसिकता से जितनी शीघ्रता से निकल जायँ, श्रेयस्स्कर होगा. </span></p>
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<p><span>लेकिन मेरा सवाल इस वाक्य के उस विस्तार से है जहाँ हिन्दी को <em>अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिला-जुला रूप </em> कहा गया है. यह जानकारी न केवल गलत है, भ्रामक भी है. यह दर्शाता है कि आपने भाषाशास्त्र को बिना जाने बस आलेख प्रस्तुत कर दिया है. अवधी का व्याकरण भोजपुरी के व्याकरण से भिन्न है. दोनों भाषाओं के व्याकरण हिन्दी के व्याकरण से सर्वथा भिन्न हैं. कुछ शब्दों के पारस्परिक उपयोग किये जाने से कोई भाषा समान नहीं हो जाती. हिन्दी, अवधी तथा भोजपुरी के उत्स भिन्न हैं इसी कारण व्याकरण भी भिन्न है. यह अवश्य है कि हिन्दी भाषाभाषी एक वर्ग ऐसी वाहियात अवधारणाओं को हवा देता रहता है. आप ऐसी किसी अवधारणाओं या मतों से बचें. आपको मालूम होना चाहिए कि बोली और भाषा के कृत्रिम अंतर से आमजन बहुत-बहुत भरमाया जाता रहा है. </span></p>
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<p><span>बहरहाल आपके आलेख के लिए धन्यवाद. </span></p>
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<p><span>शुभातिशुभ</span></p>
<p><span> </span></p> मुहतरमा बबीता जी, हिन्दी दिवस…tag:openbooks.ning.com,2021-09-14:5170231:Comment:10684342021-09-14T12:47:32.241Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>मुहतरमा बबीता जी, हिन्दी दिवस के अवसर पर अच्छा लेख प्रस्तुत किया है आपने, बधाई स्वीकार करें। सादर। </p>
<p>मुहतरमा बबीता जी, हिन्दी दिवस के अवसर पर अच्छा लेख प्रस्तुत किया है आपने, बधाई स्वीकार करें। सादर। </p> आ. बबीता बहन, सादर अभिवादन। ह…tag:openbooks.ning.com,2021-09-14:5170231:Comment:10685252021-09-14T12:21:45.677Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. बबीता बहन, सादर अभिवादन। हिन्दी दिवस पर सारगर्भित आलेख हुआ है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. बबीता बहन, सादर अभिवादन। हिन्दी दिवस पर सारगर्भित आलेख हुआ है । हार्दिक बधाई।</p>