Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T14:02:45Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1065923&xn_auth=no आदाब भाई, मौ. अनीस अरमान, बह…tag:openbooks.ning.com,2021-08-05:5170231:Comment:10663402021-08-05T13:00:59.585ZChetan Prakashhttps://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p> आदाब भाई, मौ. अनीस अरमान, बहुत इन्साफ हुआ ग़ज़ल के साथ और, सच कहूँ तो मेरे साथ भी! ममनून हूँ, आपका भाई! सलामत रहे ं ! </p>
<p> आदाब भाई, मौ. अनीस अरमान, बहुत इन्साफ हुआ ग़ज़ल के साथ और, सच कहूँ तो मेरे साथ भी! ममनून हूँ, आपका भाई! सलामत रहे ं ! </p> जनाब चेतन प्रकाश जी अच्छी ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2021-08-05:5170231:Comment:10663322021-08-05T04:30:19.629ZMd. Anis armanhttps://openbooks.ning.com/profile/Mdanissheikh
<p>जनाब चेतन प्रकाश जी अच्छी ग़ज़ल कही आपने बहुत बहुत मुबारक </p>
<p>जनाब चेतन प्रकाश जी अच्छी ग़ज़ल कही आपने बहुत बहुत मुबारक </p>