Comments - ग़ज़ल (था नाम दिल पे नक़्श मिटाया नहीं गया) - Open Books Online2024-03-28T20:14:06Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1057577&xn_auth=noजनाब नाथ सोनांचली जी आदाब, अच…tag:openbooks.ning.com,2021-04-03:5170231:Comment:10579482021-04-03T14:13:10.781ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नाथ सोनांचली जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>कुछ टंकण त्रुटियाँ सुधार लें ।</p>
<p>जनाब नाथ सोनांचली जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>कुछ टंकण त्रुटियाँ सुधार लें ।</p> खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आदर…tag:openbooks.ning.com,2021-03-31:5170231:Comment:10576002021-03-31T12:18:53.834ZAazi Tamaamhttps://openbooks.ning.com/profile/AaziTamaa
<p>खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आदरणीय नाथ जी</p>
<p>खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आदरणीय नाथ जी</p> जनाब नाथ सोनांचली जी आदाब, बह…tag:openbooks.ning.com,2021-03-30:5170231:Comment:10575842021-03-30T14:40:00.036Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब नाथ सोनांचली जी आदाब, बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है, शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ। आठवाँ शे'र और मक़्ता ख़ास पसंद आया है। कुछ टंकण त्रुटियों की ओर आपका ध्यानाकर्षण चाहता हूँ- 'कोख़' से नुक़्ता हटा लीजिए, 'पलको' को '<span>पलकों', 'आसूँ' को 'आँसू' कर लें। सादर। </span></p>
<p>जनाब नाथ सोनांचली जी आदाब, बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है, शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ। आठवाँ शे'र और मक़्ता ख़ास पसंद आया है। कुछ टंकण त्रुटियों की ओर आपका ध्यानाकर्षण चाहता हूँ- 'कोख़' से नुक़्ता हटा लीजिए, 'पलको' को '<span>पलकों', 'आसूँ' को 'आँसू' कर लें। सादर। </span></p>