Comments - ग़ज़ल (हम जिनकी मुहब्बत में दिन रात तड़पते हैं) - Open Books Online2024-03-28T16:45:52Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1056551&xn_auth=noजनाब बृजेश कुमार 'बृज' जी आदा…tag:openbooks.ning.com,2021-03-16:5170231:Comment:10569152021-03-16T12:44:57.457Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब बृजेश कुमार 'बृज' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बेहद मशकूर हूँ। सादर। </p>
<p>जनाब बृजेश कुमार 'बृज' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बेहद मशकूर हूँ। सादर। </p> वाह वाह आदरणीय बहुत बहुत बधाई…tag:openbooks.ning.com,2021-03-16:5170231:Comment:10568422021-03-16T10:41:59.071Zबृजेश कुमार 'ब्रज'https://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह वाह आदरणीय बहुत बहुत बधाई इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए</p>
<p>वाह वाह आदरणीय बहुत बहुत बधाई इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए</p> मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2021-03-13:5170231:Comment:10567182021-03-13T06:08:22.980Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बेहद मशकूर हूँ। सादर। </p>
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बेहद मशकूर हूँ। सादर। </p> आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी अच्…tag:openbooks.ning.com,2021-03-13:5170231:Comment:10568102021-03-13T03:46:16.191ZRachna Bhatiahttps://openbooks.ning.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी अच्छी ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार करें।</p>
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी अच्छी ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार करें।</p> जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़ि…tag:openbooks.ning.com,2021-03-12:5170231:Comment:10565782021-03-12T18:47:43.126Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया। सादर।</p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया। सादर।</p> आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभ…tag:openbooks.ning.com,2021-03-12:5170231:Comment:10565722021-03-12T14:11:34.989Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभिवादन ।अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभिवादन ।अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई।</p> जनाब कृष मिश्रा 'जान' गोरखपुर…tag:openbooks.ning.com,2021-03-12:5170231:Comment:10565672021-03-12T04:39:20.679Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब कृष मिश्रा 'जान' गोरखपुरी साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया। सादर।</p>
<p>जनाब कृष मिश्रा 'जान' गोरखपुरी साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया। सादर।</p> खूबसूरत ग़ज़ल हेतु हार्दिक बधाई…tag:openbooks.ning.com,2021-03-12:5170231:Comment:10564992021-03-12T03:22:57.066ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttps://openbooks.ning.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>खूबसूरत ग़ज़ल हेतु हार्दिक बधाई आ. अमीरुद्दीन अमीर सर जी।</p>
<p>खूबसूरत ग़ज़ल हेतु हार्दिक बधाई आ. अमीरुद्दीन अमीर सर जी।</p>