Comments - थाली खाली लघु -कथा - Open Books Online2024-03-29T08:51:32Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1037770&xn_auth=noआदाब। समसामयिक ज्वलंत मुद्दो…tag:openbooks.ning.com,2020-12-30:5170231:Comment:10399342020-12-30T02:59:13.601ZSheikh Shahzad Usmanihttps://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। समसामयिक ज्वलंत मुद्दों पर विवरणात्मक शैली की बढ़िया लघुकथा पर हार्दिक बधाई आदरणीया अमिता तिवारी जी। पूरा अनुच्छेद यदि उस छोटे से बेटे के शब्द हैं, तो इन्वर्टेड कौमाज़ का प्रयोग कर स्पष्ट करना चाहिए। विधा का नाम शीर्षक में सही टंकित कीजिएगा यह '<strong>लघुकथा'</strong> है, न कि 'लघु- कथा' , न ही 'लघु कथा' । वरना लेेखकीय विचार लगते हैं। समापन पंक्ति जोड़ी जा सकती है मेेरे विचार से। </p>
<p>आदाब। समसामयिक ज्वलंत मुद्दों पर विवरणात्मक शैली की बढ़िया लघुकथा पर हार्दिक बधाई आदरणीया अमिता तिवारी जी। पूरा अनुच्छेद यदि उस छोटे से बेटे के शब्द हैं, तो इन्वर्टेड कौमाज़ का प्रयोग कर स्पष्ट करना चाहिए। विधा का नाम शीर्षक में सही टंकित कीजिएगा यह '<strong>लघुकथा'</strong> है, न कि 'लघु- कथा' , न ही 'लघु कथा' । वरना लेेखकीय विचार लगते हैं। समापन पंक्ति जोड़ी जा सकती है मेेरे विचार से। </p> आ० रोहित डोबरियाल जी
सादर…tag:openbooks.ning.com,2020-12-18:5170231:Comment:10387652020-12-18T17:30:58.339Zamita tiwarihttps://openbooks.ning.com/profile/amitatiwari
<p><span> आ० रोहित डोबरियाल जी </span></p>
<p><span>सादर अभिवादन ।</span></p>
<p>सत्य और अर्धसत्य मे हमेशा ही द्वंद तो रहेगा ही ...... सत्य जब व्यक्ति सापेक्ष हो जाये तो मुश्किल हो जाता है ...</p>
<p>..सादर </p>
<p>अमिता </p>
<p><span> आ० रोहित डोबरियाल जी </span></p>
<p><span>सादर अभिवादन ।</span></p>
<p>सत्य और अर्धसत्य मे हमेशा ही द्वंद तो रहेगा ही ...... सत्य जब व्यक्ति सापेक्ष हो जाये तो मुश्किल हो जाता है ...</p>
<p>..सादर </p>
<p>अमिता </p> अच्छी बात है आपके बेटे ने किस…tag:openbooks.ning.com,2020-12-18:5170231:Comment:10387062020-12-18T16:05:19.251Zरोहित डोबरियाल "मल्हार"https://openbooks.ning.com/profile/Rk78
<p>अच्छी बात है आपके बेटे ने किसी के बारे में सोचा ....पर ये आपकी जिम्मेदारी है कि विवाद और वास्तविकता से भी उसे रूबरू करवाएं हमेशा कहि,सुनी ओर देखी जाने वाली बात सत्य नही होती और हैं शौक सबको आ जाता है बहकने के बाद।</p>
<p>अच्छी बात है आपके बेटे ने किसी के बारे में सोचा ....पर ये आपकी जिम्मेदारी है कि विवाद और वास्तविकता से भी उसे रूबरू करवाएं हमेशा कहि,सुनी ओर देखी जाने वाली बात सत्य नही होती और हैं शौक सबको आ जाता है बहकने के बाद।</p> आदरणीया अमिता तिवारी जी, सादर…tag:openbooks.ning.com,2020-12-11:5170231:Comment:10385032020-12-11T20:09:58.674ZChetan Prakashhttps://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आदरणीया अमिता तिवारी जी, सादर नमन ! आपकी लघुकथा कथ्य के प्रस्तुतिकरण और गठन की दृष्टि से प्रशंसनीय प्रस्तुति है, आदरेया ! लघुकथा, जहाँ तक मैं समझ पाया, सहृदया, हमारे - आपके जीवन के सत्य से ( यथार्थ ) से एकाएक उद्घाटित होती है, और उस विशेष क्षण में लोक जीवन में प्रचलित कहावत, मुहावरे अथवा हमारी परम्परा की उपादेयता को लेकर हमारे शिव नेत्र को खोल देती है। औ हम यकबयक अपेक्षाकृत बेहतर विवेकशील इन्सान बन जाते हैं। अतः लघुकथा लोक में पहले से ही स्थापित सत्य का प्रतिदर्श अथवा जीवन्त दृष्टान्त बन कर…</p>
<p>आदरणीया अमिता तिवारी जी, सादर नमन ! आपकी लघुकथा कथ्य के प्रस्तुतिकरण और गठन की दृष्टि से प्रशंसनीय प्रस्तुति है, आदरेया ! लघुकथा, जहाँ तक मैं समझ पाया, सहृदया, हमारे - आपके जीवन के सत्य से ( यथार्थ ) से एकाएक उद्घाटित होती है, और उस विशेष क्षण में लोक जीवन में प्रचलित कहावत, मुहावरे अथवा हमारी परम्परा की उपादेयता को लेकर हमारे शिव नेत्र को खोल देती है। औ हम यकबयक अपेक्षाकृत बेहतर विवेकशील इन्सान बन जाते हैं। अतः लघुकथा लोक में पहले से ही स्थापित सत्य का प्रतिदर्श अथवा जीवन्त दृष्टान्त बन कर उपस्थित होती हैं।</p> आदरणीय चेतन प्रकाश जी
आपकी…tag:openbooks.ning.com,2020-12-11:5170231:Comment:10384982020-12-11T18:40:14.463Zamita tiwarihttps://openbooks.ning.com/profile/amitatiwari
<p> आदरणीय चेतन प्रकाश जी </p>
<p>आपकी बेबाक टिप्पणी से अभिभूत हूँ ।अगर आप कुछ पाठ-प्रदर्शन करें तो आभार होगा ।</p>
<p> आदरणीय चेतन प्रकाश जी </p>
<p>आपकी बेबाक टिप्पणी से अभिभूत हूँ ।अगर आप कुछ पाठ-प्रदर्शन करें तो आभार होगा ।</p>
नमस्कार आदरणीया ममता तिव…tag:openbooks.ning.com,2020-12-10:5170231:Comment:10383872020-12-10T04:45:08.257ZChetan Prakashhttps://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p> </p>
<p>नमस्कार आदरणीया ममता तिवारी जी, क्षमा करे, लघु कथा तथ्यात्मक विधा है, गल्प साहित्य नहीं। कदाचित यहाँ अधिकतर साथियों को लघुकथा के स्वरूप का<br/> सही ज्ञान ही नहीं है। और, दुःख की बात है कि संयोगवश यह अप्रिय बात आपकी लघु-कथा के संदर्भ मे कहने को विवश हूँ । पुनः क्षमा याचना के साथ,</p>
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<p>नमस्कार आदरणीया ममता तिवारी जी, क्षमा करे, लघु कथा तथ्यात्मक विधा है, गल्प साहित्य नहीं। कदाचित यहाँ अधिकतर साथियों को लघुकथा के स्वरूप का<br/> सही ज्ञान ही नहीं है। और, दुःख की बात है कि संयोगवश यह अप्रिय बात आपकी लघु-कथा के संदर्भ मे कहने को विवश हूँ । पुनः क्षमा याचना के साथ,</p> मुहतरमा अमिता तिवारी जी आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2020-12-04:5170231:Comment:10380422020-12-04T11:45:55.354ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा अमिता तिवारी जी आदाब, अच्छी लघुकथा हुई है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>मुहतरमा अमिता तिवारी जी आदाब, अच्छी लघुकथा हुई है, बधाई स्वीकार करें ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय अमिता तिव…tag:openbooks.ning.com,2020-12-03:5170231:Comment:10378602020-12-03T06:12:21.330ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय अमिता तिवारी जी। बेहतरीन संदेश देती बढ़िया लघुकथा।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय अमिता तिवारी जी। बेहतरीन संदेश देती बढ़िया लघुकथा।</p>