Comments - ग़ज़ल (आदमी सी फ़ितरतें हों आदमी की) - Open Books Online2024-03-29T06:02:41Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1026574&xn_auth=noशुक्रिया जनाब अमीरुद्दीन अमीर…tag:openbooks.ning.com,2020-10-15:5170231:Comment:10317002020-10-15T18:29:25.536Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>शुक्रिया जनाब अमीरुद्दीन अमीर जी।</p>
<p>शुक्रिया जनाब अमीरुद्दीन अमीर जी।</p> जनाब अजेय जी आदाब, शानदार ग़ज…tag:openbooks.ning.com,2020-10-14:5170231:Comment:10312252020-10-14T15:22:00.655Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब अजेय जी आदाब, शानदार ग़ज़ल हुई है शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।</p>
<p>जनाब अजेय जी आदाब, शानदार ग़ज़ल हुई है शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।</p> बहुत बहुत आभार नीलेश जी, समर…tag:openbooks.ning.com,2020-10-14:5170231:Comment:10307812020-10-14T07:24:38.960Zअजय गुप्ता 'अजेयhttps://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>बहुत बहुत आभार नीलेश जी, समर साहब, रचना जी। आप सब के प्रोत्साहन के शब्द बहुत हिम्मत बढ़ाते हैं।</p>
<p>अरकान: 2122 2122 2122</p>
<p>बहुत बहुत आभार नीलेश जी, समर साहब, रचना जी। आप सब के प्रोत्साहन के शब्द बहुत हिम्मत बढ़ाते हैं।</p>
<p>अरकान: 2122 2122 2122</p> आ. अजेय जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है .…tag:openbooks.ning.com,2020-10-14:5170231:Comment:10307652020-10-14T06:21:26.952ZNilesh Shevgaonkarhttps://openbooks.ning.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>आ. अजेय जी,<br/><br/>अच्छी ग़ज़ल हुई है ..<br/>बधाई </p>
<p>आ. अजेय जी,<br/><br/>अच्छी ग़ज़ल हुई है ..<br/>बधाई </p> आदरणीय अजेय जी बेहतरीन ग़ज़ल,…tag:openbooks.ning.com,2020-10-14:5170231:Comment:10307612020-10-14T06:14:19.495ZRachna Bhatiahttps://openbooks.ning.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय अजेय जी बेहतरीन ग़ज़ल, वाह, वाह,वाह। अरकान लिख देते तो समझना और आसान हो जाता।सादर।</p>
<p>आदरणीय अजेय जी बेहतरीन ग़ज़ल, वाह, वाह,वाह। अरकान लिख देते तो समझना और आसान हो जाता।सादर।</p> जनाब अजेय जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2020-10-14:5170231:Comment:10305772020-10-14T06:11:23.956ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब अजेय जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब अजेय जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई स्वीकार करें ।</p>