Comments - यूँ ख़यालों में सनम आने लगे हैं...(ग़ज़ल मधु पासी 'महक') - Open Books Online2024-03-28T19:41:45Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1014790&xn_auth=noआदरणीय आशीष यादव जी सादर नमस्…tag:openbooks.ning.com,2020-08-31:5170231:Comment:10163582020-08-31T05:01:59.642ZMadhu Passi 'महक'https://openbooks.ning.com/profile/MadhuPassi
<p>आदरणीय आशीष यादव जी सादर नमस्कार! आपकी हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया </p>
<p>आदरणीय आशीष यादव जी सादर नमस्कार! आपकी हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया </p> बहुत अच्छी गजल बनी है। अच्छा…tag:openbooks.ning.com,2020-08-25:5170231:Comment:10156062020-08-25T20:03:51.447Zआशीष यादवhttps://openbooks.ning.com/profile/Ashishyadav
<p>बहुत अच्छी गजल बनी है। अच्छा लगा पढ़कर। बधाई स्वीकार कीजिए।</p>
<p>बहुत अच्छी गजल बनी है। अच्छा लगा पढ़कर। बधाई स्वीकार कीजिए।</p> आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी…tag:openbooks.ning.com,2020-08-19:5170231:Comment:10152092020-08-19T13:49:16.747ZMadhu Passi 'महक'https://openbooks.ning.com/profile/MadhuPassi
<p>आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी नमस्कार! आपकी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।</p>
<p>आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी नमस्कार! आपकी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।</p> जैसा कि आदरणीय समर जी ने कहा.…tag:openbooks.ning.com,2020-08-19:5170231:Comment:10150942020-08-19T11:54:10.369Zबृजेश कुमार 'ब्रज'https://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>जैसा कि आदरणीय समर जी ने कहा...प्रयास वाकई में अच्छा आदरणीया..शुभकामनाएं</p>
<p>जैसा कि आदरणीय समर जी ने कहा...प्रयास वाकई में अच्छा आदरणीया..शुभकामनाएं</p> आदरणीय समर कबीर जी आदाब! आपकी…tag:openbooks.ning.com,2020-08-18:5170231:Comment:10150632020-08-18T12:38:21.849ZMadhu Passi 'महक'https://openbooks.ning.com/profile/MadhuPassi
<p>आदरणीय समर कबीर जी आदाब! आपकी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तह-ए-दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ। </p>
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<p>आदरणीय समर कबीर जी आदाब! आपकी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तह-ए-दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ। </p>
<p> </p> मुहतरमा 'महक' जी आदाब, ग़ज़ल का…tag:openbooks.ning.com,2020-08-18:5170231:Comment:10150572020-08-18T10:32:31.889ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा 'महक' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>मुहतरमा 'महक' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p> आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह 'कुश…tag:openbooks.ning.com,2020-08-17:5170231:Comment:10149752020-08-17T15:57:37.243ZMadhu Passi 'महक'https://openbooks.ning.com/profile/MadhuPassi
<p>आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' सादर नमस्कार! ग़ज़ल तक आने के लिए और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। </p>
<p>आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' सादर नमस्कार! ग़ज़ल तक आने के लिए और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। </p> आद0 madhu passi 'महक' जी सादर…tag:openbooks.ning.com,2020-08-17:5170231:Comment:10150402020-08-17T12:07:47.526Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 madhu passi 'महक' जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल खिह आपने। बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>आद0 madhu passi 'महक' जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल खिह आपने। बधाई स्वीकार कीजिये</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'…tag:openbooks.ning.com,2020-08-17:5170231:Comment:10150262020-08-17T04:48:17.538ZMadhu Passi 'महक'https://openbooks.ning.com/profile/MadhuPassi
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी सादर नमस्कार! आपकी तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ।</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी सादर नमस्कार! आपकी तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ।</p> आ. मधु जी, सुन्दर गजल हुई है…tag:openbooks.ning.com,2020-08-17:5170231:Comment:10149602020-08-17T04:30:38.517Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. मधु जी, सुन्दर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. मधु जी, सुन्दर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>