Comments - लोग घर के हों या कि बाहर के...(ग़ज़ल : सालिक गणवीर) - Open Books Online2024-03-28T23:49:09Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1014208&xn_auth=noमुहतरमा डिंपल शर्मा जीसादर अभ…tag:openbooks.ning.com,2020-08-11:5170231:Comment:10146682020-08-11T04:11:58.267Zसालिक गणवीरhttps://openbooks.ning.com/profile/SalikGanvir
<p>मुहतरमा डिंपल शर्मा जी<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p>
<p>मुहतरमा डिंपल शर्मा जी<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p> आदरणीय हर शेर कमाल है समझ नही…tag:openbooks.ning.com,2020-08-08:5170231:Comment:10145592020-08-08T06:49:39.955ZDimple Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/DimpleSharma
<p>आदरणीय हर शेर कमाल है समझ नहीं आ रहा किसे ज्यादा दाद दूं, बस मतला कमजोर लग रहा है , इस ग़ज़ल ने दिल ले लिया वाह बहुत उम्दा आदरणीय।</p>
<p>आदरणीय हर शेर कमाल है समझ नहीं आ रहा किसे ज्यादा दाद दूं, बस मतला कमजोर लग रहा है , इस ग़ज़ल ने दिल ले लिया वाह बहुत उम्दा आदरणीय।</p> आदरणीय सालिक गणवीर जी नमस्ते,…tag:openbooks.ning.com,2020-08-08:5170231:Comment:10145022020-08-08T06:48:10.782ZDimple Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/DimpleSharma
<p>आदरणीय सालिक गणवीर जी नमस्ते, वाह बहुत ख़ूब,इस खुबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।</p>
<p>आदरणीय सालिक गणवीर जी नमस्ते, वाह बहुत ख़ूब,इस खुबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।</p> भाई बृजेश कुमार'ब्रज'सादर अभि…tag:openbooks.ning.com,2020-08-05:5170231:Comment:10143702020-08-05T05:59:33.738Zसालिक गणवीरhttps://openbooks.ning.com/profile/SalikGanvir
<p>भाई बृजेश कुमार'ब्रज'<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p>
<p>भाई बृजेश कुमार'ब्रज'<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p> बड़ी ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई ज़नाब स…tag:openbooks.ning.com,2020-08-04:5170231:Comment:10142852020-08-04T16:32:27.705Zबृजेश कुमार 'ब्रज'https://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>बड़ी ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई ज़नाब सालिक जी...</p>
<p>बड़ी ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई ज़नाब सालिक जी...</p> आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी 'मुसा…tag:openbooks.ning.com,2020-08-04:5170231:Comment:10142732020-08-04T12:58:37.131Zसालिक गणवीरhttps://openbooks.ning.com/profile/SalikGanvir
<p>आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p>
<p>आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p> मुहतरमा 'महक' जीसादर अभिवादनग़…tag:openbooks.ning.com,2020-08-04:5170231:Comment:10142722020-08-04T12:57:28.715Zसालिक गणवीरhttps://openbooks.ning.com/profile/SalikGanvir
<p>मुहतरमा 'महक' जी<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p>
<p>मुहतरमा 'महक' जी<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p> आ. भाई सालिक गणवीर जी, सादर अ…tag:openbooks.ning.com,2020-08-04:5170231:Comment:10142692020-08-04T12:23:31.496Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सालिक गणवीर जी, सादर अभिवादन । इस लाजवाब गजल के लिए ढेरों बधाईयाँ ।</p>
<p>आ. भाई सालिक गणवीर जी, सादर अभिवादन । इस लाजवाब गजल के लिए ढेरों बधाईयाँ ।</p> आदरणीय सालिक गणवीर जी सादर नम…tag:openbooks.ning.com,2020-08-03:5170231:Comment:10143072020-08-03T15:51:41.280ZMadhu Passi 'महक'https://openbooks.ning.com/profile/MadhuPassi
आदरणीय सालिक गणवीर जी सादर नमस्कार।<br />
बहुत ही भावपूर्ण व सुन्दर ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद।
आदरणीय सालिक गणवीर जी सादर नमस्कार।<br />
बहुत ही भावपूर्ण व सुन्दर ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद। भाई सुरेश नाथ सिंह 'कुशक्षत्र…tag:openbooks.ning.com,2020-08-03:5170231:Comment:10142492020-08-03T09:25:54.654Zसालिक गणवीरhttps://openbooks.ning.com/profile/SalikGanvir
<p>भाई सुरेश नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p>
<p>भाई सुरेश नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'<br/>सादर अभिवादन<br/>ग़ज़ल पर आपकी आमद और सराहना के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त करता हूँ. सादर एवं सप्रेम.</p>