Comments - झूलों पर भी रोक लगी -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'( गजल ) - Open Books Online2024-03-28T15:03:34Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1013686&xn_auth=noआ. मधु महक जी, सादर अभि्आदन ।…tag:openbooks.ning.com,2020-08-04:5170231:Comment:10143262020-08-04T11:45:02.563Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. मधु महक जी, सादर अभि्आदन । गजल पर उपस्थिति और मान देने के लिए आभार ।</p>
<p>आ. मधु महक जी, सादर अभि्आदन । गजल पर उपस्थिति और मान देने के लिए आभार ।</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'…tag:openbooks.ning.com,2020-08-03:5170231:Comment:10142552020-08-03T16:18:27.448ZMadhu Passi 'महक'https://openbooks.ning.com/profile/MadhuPassi
आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी नमस्कार ।वर्तमान की मुख्य समस्या करोना पर एक प्रेयसी की मनःस्थिति को दर्शाती बहुत ही सुंदर ग़ज़ल पर आपको हार्दिक बधाई।
आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी नमस्कार ।वर्तमान की मुख्य समस्या करोना पर एक प्रेयसी की मनःस्थिति को दर्शाती बहुत ही सुंदर ग़ज़ल पर आपको हार्दिक बधाई। आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभ…tag:openbooks.ning.com,2020-07-31:5170231:Comment:10141192020-07-31T10:49:21.046Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p>
<p>आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p> जनाब लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी…tag:openbooks.ning.com,2020-07-30:5170231:Comment:10140222020-07-30T15:39:04.445Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttps://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी आदाब, सम-सामयिक परिस्थितियों पर हिन्दी ज़बान में शानदार ग़ज़ल हुई है, भरपूर दाद के साथ बधाई स्वीकार करें। सादर। </p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी आदाब, सम-सामयिक परिस्थितियों पर हिन्दी ज़बान में शानदार ग़ज़ल हुई है, भरपूर दाद के साथ बधाई स्वीकार करें। सादर। </p> आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवाद…tag:openbooks.ning.com,2020-07-30:5170231:Comment:10139002020-07-30T11:08:07.753Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आभार ।</p> आ. डिम्पल शर्मा जी, सादर अभिव…tag:openbooks.ning.com,2020-07-30:5170231:Comment:10138852020-07-30T09:14:57.432Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. डिम्पल शर्मा जी, सादर अभिवादन । आपको गजल अच्छी लगी, यह मेरे लिए हर्ष का विषय है । गजल तक आने के लिए हार्दिक आभार ।</p>
<p>आ. डिम्पल शर्मा जी, सादर अभिवादन । आपको गजल अच्छी लगी, यह मेरे लिए हर्ष का विषय है । गजल तक आने के लिए हार्दिक आभार ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण ध…tag:openbooks.ning.com,2020-07-30:5170231:Comment:10138582020-07-30T05:03:40.230ZTEJ VEER SINGHhttps://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</span> जी।बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>सुख दुख अपने साझा करते साँझ सवेरे बैठ जहाँ</span><br/><span>पनघट छूटे, झील नदी के तीरों पर भी रोक लगी।७।</span></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</span> जी।बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>सुख दुख अपने साझा करते साँझ सवेरे बैठ जहाँ</span><br/><span>पनघट छूटे, झील नदी के तीरों पर भी रोक लगी।७।</span></p> आदरणीय लक्ष्मण धामी'मुसाफिर'ज…tag:openbooks.ning.com,2020-07-30:5170231:Comment:10138392020-07-30T03:04:04.980ZDimple Sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/DimpleSharma
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी'मुसाफिर'जी नमस्ते,आज के ताज़ा हालात पर लिखी आपकी यह ग़ज़ल बहुत ख़ूब हुई है, बधाई स्वीकार करें आदरणीय।</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी'मुसाफिर'जी नमस्ते,आज के ताज़ा हालात पर लिखी आपकी यह ग़ज़ल बहुत ख़ूब हुई है, बधाई स्वीकार करें आदरणीय।</p>