Comments - अहसास की ग़ज़ल: मनोज अहसास - Open Books Online2024-03-29T07:32:55Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1011675&xn_auth=noमिल ले तू इक बार अगर मिल सकता…tag:openbooks.ning.com,2020-07-11:5170231:Comment:10120392020-07-11T07:06:41.114Zनाथ सोनांचलीhttps://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p><span>मिल ले तू इक बार अगर मिल सकता हो//</span></p>
<p><span>मेरे समझ से यह ऐसे होना चाहिए</span></p>
<p><span>"मिल ले तू इक बार अगर मिल सकते हो"</span></p>
<p><span>इसी तरह कुछ और भी देखियेगा... बहरहाल बधाई स्वीकार कीजिये</span></p>
<p><span>मिल ले तू इक बार अगर मिल सकता हो//</span></p>
<p><span>मेरे समझ से यह ऐसे होना चाहिए</span></p>
<p><span>"मिल ले तू इक बार अगर मिल सकते हो"</span></p>
<p><span>इसी तरह कुछ और भी देखियेगा... बहरहाल बधाई स्वीकार कीजिये</span></p> मनोज जी ग़ज़ल पर प्रयास के लिए…tag:openbooks.ning.com,2020-07-07:5170231:Comment:10117742020-07-07T12:36:27.915Zरामबली गुप्ताhttps://openbooks.ning.com/profile/RAMBALIGUPTA
<p>मनोज जी ग़ज़ल पर प्रयास के लिए बधाई स्वीकारें।कुछ बाते-</p>
<p>मिल सकता हो>मिल सकना हो</p>
<p>कोई कह सकता हो<कोई कह सकता है</p>
<p>आगे कुछ खतरा हो<आगे कुछ खतरा है</p>
<p>चुन सकता हो<चुन सकता है</p>
<p></p>
<p>जरा देखें इन कथ्यों को</p>
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<p>मनोज जी ग़ज़ल पर प्रयास के लिए बधाई स्वीकारें।कुछ बाते-</p>
<p>मिल सकता हो>मिल सकना हो</p>
<p>कोई कह सकता हो<कोई कह सकता है</p>
<p>आगे कुछ खतरा हो<आगे कुछ खतरा है</p>
<p>चुन सकता हो<चुन सकता है</p>
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<p>जरा देखें इन कथ्यों को</p>
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