Comments - एक ताज़ा ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T13:06:45Zhttps://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1000706&xn_auth=noमुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2022-02-06:5170231:Comment:10788272022-02-06T08:47:44.186ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p>
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p> आदरणीय समर कबीर सर् नमस्कार।स…tag:openbooks.ning.com,2022-02-06:5170231:Comment:10788252022-02-06T06:43:53.539ZRachna Bhatiahttps://openbooks.ning.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय समर कबीर सर् नमस्कार।सर् , मेरे लिए जो बह्र सबसे मुश्किल है उस पर ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही आपने। सब अश्आर एक से बढ़कर एक वाह वाह वाह।</p>
<p>हार्दिक बधाई सर्</p>
<p>आदरणीय समर कबीर सर् नमस्कार।सर् , मेरे लिए जो बह्र सबसे मुश्किल है उस पर ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही आपने। सब अश्आर एक से बढ़कर एक वाह वाह वाह।</p>
<p>हार्दिक बधाई सर्</p> जय हो, जय हो..
:-))))
tag:openbooks.ning.com,2022-02-06:5170231:Comment:10789242022-02-06T03:32:02.617ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>जय हो, जय हो.. </p>
<p><strong>:-))))</strong></p>
<p></p>
<p>जय हो, जय हो.. </p>
<p><strong>:-))))</strong></p>
<p></p> //कुछ बीती कुछ सोच समझ से बात…tag:openbooks.ning.com,2022-02-05:5170231:Comment:10789162022-02-05T12:21:13.360ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>//कुछ बीती कुछ सोच समझ से बातें तो कह बैठे हैं </p>
<p>लेकिन सच है कहीं समर मन ही मन झुँझलाते होंगे //</p>
<p></p>
<p>अपनी बीती साझा करने का इक मक़सद ये भी था</p>
<p>भाई सौरभ मेरे मन को बहलाने आते होंगे:-))))</p>
<p>जनाब सौरभ भाई आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत धन्यवाद ।</p>
<p>//कुछ बीती कुछ सोच समझ से बातें तो कह बैठे हैं </p>
<p>लेकिन सच है कहीं समर मन ही मन झुँझलाते होंगे //</p>
<p></p>
<p>अपनी बीती साझा करने का इक मक़सद ये भी था</p>
<p>भाई सौरभ मेरे मन को बहलाने आते होंगे:-))))</p>
<p>जनाब सौरभ भाई आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका बहुत धन्यवाद ।</p> कुछ बीती कुछ सोच समझ से बाते…tag:openbooks.ning.com,2022-02-05:5170231:Comment:10789142022-02-05T11:00:09.334ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p></p>
<p>कुछ बीती कुछ सोच समझ से बातें तो कह बैठे हैं </p>
<p>लेकिन सच है कहीं समर मन ही मन झुँझलाते होंगे </p>
<p></p>
<p>अच्छी कहन से गजल समृद्ध हुई है, आदरणीय समर साहब. </p>
<p>दाद दाद दाद </p>
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<p></p>
<p>कुछ बीती कुछ सोच समझ से बातें तो कह बैठे हैं </p>
<p>लेकिन सच है कहीं समर मन ही मन झुँझलाते होंगे </p>
<p></p>
<p>अच्छी कहन से गजल समृद्ध हुई है, आदरणीय समर साहब. </p>
<p>दाद दाद दाद </p>
<p></p> जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, ग़ज़…tag:openbooks.ning.com,2022-02-05:5170231:Comment:10788162022-02-05T09:59:43.931ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p> जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ग़ज़ल की…tag:openbooks.ning.com,2022-02-05:5170231:Comment:10789122022-02-05T09:57:16.821ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p>
<p>जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p> जनाब निलेश 'नूर' जी आदाब, ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2022-02-05:5170231:Comment:10787272022-02-05T09:56:22.205ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब निलेश 'नूर' जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p>
<p>जनाब निलेश 'नूर' जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p> प्रिय भाई विजय निकोर जी आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2022-02-05:5170231:Comment:10787262022-02-05T09:54:57.245ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>प्रिय भाई विजय निकोर जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p>
<p>प्रिय भाई विजय निकोर जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p> जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2022-02-05:5170231:Comment:10788152022-02-05T09:54:04.677ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p>
<p>जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।</p>