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बसंत नेमा's Blog – April 2013 Archive (5)

एक अजन्मा दर्द

॥ एक अजन्मा दर्द ॥

माँ मुझको भी जीवन दे दे, मै भी जीना चाहती हू ।

सखी सहेली वीरा के संग, मै…

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Added by बसंत नेमा on April 29, 2013 at 12:00pm — 9 Comments

मै बरगद का पेड

|| मै बरगद का पेड ||

मै बरगद का पेड सयाना, चिरस्थिर खडा था आँगन मे ।

कितने मौसम आते जाते, देखे है मैने जीवन मे ।

सदीया बीती नदिया रीति, वो गाँवो का शहर बन जाना  ।

अब मै डरा सहमा सा खडा हुआ हू, इन  कंक्रीटो के वन मे

वो बडॆ प्यार से अम्मा बाबा का, मुझे धरा मे रोपना ।

वो खुद के बच्चो जैसा मेरा, लाड प्यार से पाल पोसना ।

वो पकड के मेरी बाहो को, मुन्ना मुनिया का झुला झुलना

वो चढ के मेरे कंधो पर, कटी…

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Added by बसंत नेमा on April 25, 2013 at 12:30pm — 11 Comments

गरमी आ गई भाईया

 गरमी आ गई भाईया

सूरज आंखे तरेर रहा ले, हाथो मे अग्नि बाण ।

बिना कवच जो निकले बाहर, ये…

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Added by बसंत नेमा on April 17, 2013 at 2:00pm — 6 Comments

जिन्दगी का जबाब

जिन्दगी का जबाब

कल राह मे जिन्दगी से मुलाकात हो गयी ।

पूछा जो एक सवाल* तो जिन्दगी नाराज हो गयी।   

बोली देता है मुझको दोष, बता तुने क्या अच्छा किया है…

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Added by बसंत नेमा on April 15, 2013 at 10:30am — 8 Comments

जिन्दगी तू इतनी आसान नही है

 

जिन्दगी तू इतनी आसान नही है

 

जिन्दगी तू इतनी आसान नही है , जितनी की लोगो से तेरी…

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Added by बसंत नेमा on April 8, 2013 at 1:30pm — 5 Comments

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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