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विनय कुमार's Blog – June 2017 Archive (2)

दुःख और सुख-- लघुकथा

"लकवा मार गया है, अब बिस्तर पर ही रहना पड़ेगा इसको| शायद मालिश और दवा से कुछ फायदा हो और चलने फिरने लायक हो जाए कुछ दिन में", डॉक्टर ने एक कागज पर कुछ दवा लिखा और बाहर निकलने लगा|

"हस्पताल में भर्ती कराने से कुछ फायदा होगा क्या डॉक्टर साहब", बिटिया ने पूछा|

"कह नहीं सकता, हो भी सकता है", कहकर डॉक्टर निकल गया|

"माँ, बापू को हस्पताल ले चलते हैं, शायद ठीक हो जाए", बिटिया ने माँ की तरफ देखते हुए कहा|

उसने एक बार खाट पर पड़े लल्लू को देखा और फिर अपनी कमर में बंधे गांठ से कुछ…

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Added by विनय कुमार on June 27, 2017 at 11:41pm — 10 Comments

बढ़ता धुआं- लघुकथा

खाला अपने रसोई में लगी हुई थीं, अब रमजान महीने के बस दो ही दिन तो बचे थे और अलीम बड़के शहर से आज ही आ रहा था. सबेरे सबेरे उन्होंने पड़ोसी मियां की दूकान से एक बार फिर लगभग गिड़गिड़ाते हुए सामान ख़रीदा था. अभी पिछले महीने का भी पूरा पैसा दिया नहीं था उन्होंने तो उम्मीद कम ही थी कि सामान मिल ही जायेगा. लेकिन एक तो उन्होंने बेटे के आने की खबर सुना दी थी और दूसरे आने वाली ईद, मियां ने थोड़े ना नुकुर के बाद सामान दे दिया.

"देखो खाला, इस बार अगला पिछला सब हिसाब चुकता हो जाना चाहिए, मेरे भी बाल बच्चे…

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Added by विनय कुमार on June 24, 2017 at 1:03pm — 10 Comments

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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