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Satish mapatpuri's Blog – October 2010 Archive (2)

कैसे कोई हमको अलग कर पायेगा

क्या पता था राम को, कि ऐसा दिन भी आएगा.

उनकी अयोध्या में ,उन्हें खैरात बांटा जायेगा.

जिस ज़मीं पर ठुमक-ठुमक, भगवान को चलना पड़ा था.

जिस जगह नारायण को, नर रूप में आना पड़ा था.

भावी को भी क्या पता था, ऐसा दिन भी आयेगा.

राम के अस्तित्व को, मुद्दा बनाया जाएगा.

क्या पता था राम --------------------------------

हिन्दू मुस्लिम हैं अलग, ये कब कहा था राम और रहमान ने?

मंदिर मस्जिद है जुदा, क्या यह सिखाया है खुदा भगवान ने?

नींव नफरत है धरम की, है लिखा गीता में या… Continue

Added by satish mapatpuri on October 25, 2010 at 2:54pm — 2 Comments

जय माँ दुर्गे -जय महाकाली (नवरात्रि पर विशेष)

जय माँ दुर्गे -जय महाकाली, जय माँ -जय माँ जय शेरावाली.

तू दानी माता महारानी, बाकी सब ही सवाली.

जय माँ दुर्गे --------------------------------------------------

तुम्हरी शरण में जो भी आते , जो भी तुमसे नेह लगाते.

तुम्हरी महिमा को नहीं जाने, मईया सब तुम्हरे गुण गाते.

हाथ पसारे सब ही आते - जाते ना पर खाली.

जय माँ दुर्गे ---------------------------------------------

शेर सवारी- भुजा कटारी, मुंडमालिनी-खप्परधारी.

ऐसा कौन जो तुमसे बचा हो , सब दुष्टन पर तुम हो… Continue

Added by satish mapatpuri on October 8, 2010 at 12:07pm — 2 Comments

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