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Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह's Blog – December 2010 Archive (5)

बहकाती है क्यूँ जिंदगी...? ©

 

बहकाती है क्यूँ जिंदगी...? ©



शुरू में गज़ल सी , फिर भटकती लय है क्यूँ जिंदगी......

हर रंग भरा इसमें तुमने , सवाल सी है क्यूँ जिंदगी.......

ज़वाब दिए खुद तुम्हीं ने , फिर अधूरी है क्यूँ जिंदगी.....

माना है डगर कठिन , कदम बहकाती है क्यूँ जिंदगी.....

मंजिल का पता नहीं पर , राह भटकाती है क्यूँ जिंदगी.....



Photography & Creation by :- जोगेन्द्र सिंह…

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Added by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on December 21, 2010 at 11:30pm — 6 Comments

कैसा है यह नाते पर नाता..? Copyright ©

 

कैसा है यह नाते पर नाता..? Copyright ©



निकल कर देखा.. अपनी माँ के उदर से उसने,

अनजानी.. कुछ मिचमिचाती अपनी आँखों से,

सारा जहान था दिख रहा अजनबी सा उसको,

लग रही माँ भी उसकी.. अजनबी सी उसको,

बना फिर इक नया.. माँ से पहचान का नाता,

फिर भी अकसर.. क्यूँ लगती माँ अजनबी सी,

गोद…

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Added by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on December 20, 2010 at 9:30pm — 2 Comments

!! वायु प्रवाह !! ©

 

!! वायु प्रवाह !! ©

(१)

वायु प्रवाह पर विचार !

अचानक उठा खयाल !

कितने होते हैं प्रकार ?

(२)

नाना हैं वायु प्रवाह !

कह चुकी संस्कृत भी !

वायु प्रकार के भेद भी !

मुख्य हैं तीन प्रकार !

उच्च निम्न मध्यम !

सप्तम सुप्त औसत स्वर !

(३)

भीषण मार सप्तम सुर…

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Added by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on December 17, 2010 at 5:30pm — 3 Comments

विराम चिह्न !! मेरे तुम्हारे नाम का ::: ©

विराम चिह्न !! मेरे तुम्हारे नाम का ::: ©



मैं जानती हूँ के साथ मिला..

कह दी मुझसे तुमने हर बात..

यत्र-तत्र-सर्वत्र करा दिया भान..

मुझ ही को मेरे होने का..



नाव पतवार के बहाने..

तो कभी..

तप्त ओस भाप-बादल के बहाने..



सूखे से जीवन में हरियाली सा..

ढाक-पत्तों…

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Added by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on December 14, 2010 at 1:00am — 1 Comment

जिंदगी..©



जिंदगी..©

जाने कितने रंग दिखावे है यह जिंदगी..

बिखेरने थे उसे जो हमसे चाहे ये जिंदगी..

माया फैला फँसा हमको देती है ये जिंदगी..

इशारों पर अपने है नाचती ये जिंदगी..

ना चाहें पर अपना बोझ लदाती है जिंदगी..

अनचाहे ही हम पर गहराती है ये जिंदगी..

कैसे पायें आज़ादी हम पे हावी है ये जिंदगी..



जोगेन्द्र सिंह Jogendra Singh (07 दिसंबर 2010)



Photography for both pictures :- Jogendra… Continue

Added by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on December 7, 2010 at 11:26am — 1 Comment

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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
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