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Ajay Singh's Blog – June 2012 Archive (4)

ऐ गम ! जा के ढूंढ़ ले कोई दूसरा घर

ऐ गम ! जा  के  ढूंढ़ ले  कोई  दूसरा घर  , 

दिल में आज से मेरे , बसेरा उनका होगा ..
              इस घर का मालिक अब तू नही है ,वो हैं 
              खाली अभी तुझे  , घर ये करना होगा ..
दीवानगी ने उनकी पागल किया है हमको 
पागलपन का कर्ज तुझको ही भरना होगा ...
             घर ही तेरा अब ,  बेघर तुझे कर रहा है 
             खातिर इस घर की बेघर तुझे रहना होगा…
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Added by Ajay Singh on June 24, 2012 at 10:01am — 7 Comments

गर वो हमारे होते

जिन्दगी हमारी भी बनती एक सवाल

गर सवाल का जबाब 'वो 'हमारे होते

उन यादों में ही गुजर लेते उमर सारी

गर दो पल भी 'वो ' साथ हमारे होते ..



न भिगोते अश्क पलकों को भी ,गर

ये नयन न उनके मतवारे होते

जान लेते हकीकत प्यार की हम भी

जो प्यार का आइना 'वो ' हमारे होते ..



राहों में हमारे होते उजाले अनेक

जो 'उनके अँधेरे ' न हमारे होते

भूल के उनको सो लेते चैन से

सपने जो वश में हमारे होते ..



गुनगुना लेते ताउम्र उनको हम

जो…

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Added by Ajay Singh on June 17, 2012 at 9:30am — 2 Comments

- - - -जब मुझे प्यार हो जायेगा - - - - -

आँखें भर आयेंगी, ये दिल भी रो जायेगा 

बदनामों में नाम हमारा भी हो जायेगा 
नींद भी जाएगी ,चैन भी खो जायेगा 
मुझे जब  किसी से  प्यार हो जायेगा 
             चाँद में कभी दाग मुझको नज़र आयेगा 
             पर ' वो ' हमेशा ही  बेदाग नजर आयेगा
             कभी रोशनी से उसकी चमकेगा जहां मेरा 
              रोशनी से उसकी कभी चाँद  भी लाज़ायेगा
चेहरा उसका खिलता गुलाब…
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Added by Ajay Singh on June 7, 2012 at 12:09pm — 6 Comments

ये सिर्फ अपनों के लिये ही बहते हैं

कदम उनसे दूर जाने लगे 

मन में उथल -पुथल 
सी होने लगी 
वो साथ थे तब तक 
सब अच्छा था
अब ये आँखें भी 
बोलने लगीं 
इनकी नमी ह्रदय -व्यथा 
व्यक्त करने लगी 
और शायद आंसुओं की
उपस्तिथि बयां कर 
रही थी .
और हाँ कल जब वो आये 
तब भी ये नमीं थी ,
आंसूं बहे थे 
पर कल तो दिल में ख़ुशी 
का ठिकाना न था .
मैं भला…
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Added by Ajay Singh on June 1, 2012 at 9:36am — 7 Comments

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