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Lata tejeswar's Blog – July 2013 Archive (2)

तुझे इकरार हो तो चली आना।

कभी न आएँगे तेरे दर पे

कि तेरे बिना

जीना मंजूर है हमें

कभी न ताकेंगे तेरे राह

कि तेरे बिना

जीना मंजूर है हमें।



एक आशियाना मिला था,

एक फूल खिला था,

जो मुरझा गया समय से पहले

उस फूल को लेकर

अब मैं कहाँ जाऊँ।



जिसमे सजानी थी

बचपन की यादें,

समेटनी थी कुछ खुशियाँ

तेरे साथ उन खुशियों को

ढूंढने अब मैं कहाँ जाऊँ।



एक शाम बितानी थी तेरे संग

दुनिया को भूलकर

आसमान छूना था,

उन सपनों को लेकर

अब मैं कहाँ…

Continue

Added by Lata tejeswar on July 25, 2013 at 4:00pm — 12 Comments

एक बेबस आत्मा

शून्य की गहरा अन्धकार में

भटक रही एक बेबस आत्मा ..

न कोई अपना उसका

न कोई सपना ....

रोंदू एक मोम सी गुडिया

रो रही थी उन सीढियों पर

छोड़ गई थी कोई बेबस माँ

उस भगवान की द्वार ...

रोंदू सी वह गुडिया रोए जा रही थी ...

रोती हुई गुडिया को देख

वह आत्मा कुछ ऐसे बिल्ल्ख गई

बहक गई ...

ममता जो उसकी जगगई ...

बेबस वह बच्ची को गोद में लेने

तड़प रही ...

न था उसका हाथ,

न था उसका पैर

एक हवा बन कर सहलाती रही ..

न थी वह…
Continue

Added by Lata tejeswar on July 18, 2013 at 1:30pm — No Comments

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