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नाथ सोनांचली's Blog – March 2017 Archive (3)

निकलना एक दिन है इस मकाँ से

बह्र 1222 1222 122



करो उम्मीद मत यूँ आसमाँ से ||

बिना मिहनत न कुछ मिलता वहाँ से||



उठाते साथ थे छप्पर सभी जब

हटा विश्वास क्यूँ फिर दरमियाँ से ||



कफ़न सर से कहाँ वो बाँधते हैं

मुहब्बत है जिन्हें अपनी ही जाँ से ||



जहन्नम से नही कम होती दुनिया

कोई भी गर नही जाता जहाँ से ||



कमी क्या रह गई इस ज़िन्दगी में?

दुआएँ मिल गई गर बाप माँ से ||



निकल कर अश्क वो कहते हैं अक्सर

जिसे कोई न कह पाये जुबाँ से… Continue

Added by नाथ सोनांचली on March 29, 2017 at 4:03pm — 21 Comments

नारी ( सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' )

नारी तुम! सुकुमार कुमुदुनी

सौम्य स्नेह औ प्रेम प्रदाता ||

धरती पर हो शक्ति स्वरूपा

तुम रण चंडी भाग्य विधाता ||



संस्कारों की शाला तुम हो

तुम लक्ष्मी सावित्री सीता |

निर्वाहिनी सत्कर्म की तुम

तुम्ही वेद कुरान औ गीता ||



सह कर असह्य प्रसव वेदना

तुम लाल धरा पर लाती हो |

तुम हो धात्री अखिल जगत की

तुम्ही सृष्टि सृजन बढाती हो ||



हे रूपवती हे कमनीया

ईश्वर की तुम अद्भुत रचना ||

तलवार धरो जब कर में तो

मुश्किल…

Continue

Added by नाथ सोनांचली on March 8, 2017 at 8:30am — 12 Comments

कभी न होगी यहाँ नाभिकीय वार की बात (ग़ज़ल)

बह्र 1212 1122 1212 1121/112



अगर सभी के दिलो में हो सिर्फ प्यार की बात

नही कठिन है मिटाना जहाँ से खार की बात



हिरोशिमा से सबक लें सभी जो मुल्क अगर

कभी न होगी यहाँ नाभिकीय वार की बात



जुबाँ कभी मेरी खाली न जाये इसलिए तो

कभी किसी से न की भूलकर उधार की बात



हुआ चलन जो मो'बाइल का हर जगह गोया

कि अब नही यहाँ होंगी किसी से तार की बात



दिखा न आँख हमे इस कदर समझ बुजदिल

हैं शेर हम नही करते कभी सियार की बात



दिखा रही है… Continue

Added by नाथ सोनांचली on March 4, 2017 at 3:30pm — 16 Comments

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Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
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Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
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Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
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'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
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Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

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मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday
PHOOL SINGH added a discussion to the group धार्मिक साहित्य
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महर्षि वाल्मीकि

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