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लक्ष्मण रामानुज लडीवाला's Blog – July 2012 Archive (6)

अनमोल खजाना

याचना है सांथियों मुझको राह दिखाना 
मकसद जिंदगी का मुझको भी बतलाना 
 

जिंदगी  का मकसद,किस राह पर है चलना 
तक़दीर में पाने को, क्या लिखा है मिलना 
 
अतीत की यादों को दिल में बसाता इंसान है 
अतीत के गहरे जख्म छुपा लेता…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 30, 2012 at 9:00pm — 4 Comments

कौन बचाए लाज

बेशर्मी का ओढा चोला,सारा सभ्य समाज,

चीखे अबला द्रोपदी, कौन बचाए  लाज//
 
महंगाई से तरस रहे, भुखमरी की मार 
भ्रूण हत्या कैसे रुके, पंगु हुई सरकार //
 
दोस्तों से गुठ रही, घर में रहे मन मार
भाई बंधू…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 26, 2012 at 5:30pm — 13 Comments

हिसाब का सिलसिला

हिसाब का सिलसिला 



उधार बेच उगाई करने, जब गया,
बोंला हिसाब मिलाया नहीं अभीतक |
समय हो गया दफ्तर बंद करो, 
बोंला रोकड़ का मेल हुआ नहीं अभीतक |
  
ओबीओ काव्य में कौन…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 24, 2012 at 11:30am — 4 Comments

श्रद्धाजलि -

श्रद्धाजलि -

(दीवाना रूप मस्ताना प्यार जिसका )
 
बसर करता रहा जो  जिंदगी-
अपनी अदा से,
लुटाता रहा प्यार जो,
अपनी नजर से,
चाहता रहा प्यार जिसका-…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 19, 2012 at 9:30am — 4 Comments

गृहस्थी का दायित्व

गृहस्थी का दायित्व 



चारो भाइयों में बड़े लडके नयन बाबू की माँ लड़को को बाहर खेलने नहीं निकलने देती थी, ताकि वे बिगड़ न जावें | अचानक माँ का देहांत हो गया | उस समय नयन बाबू 16 वर्ष और पिताजी 46 वर्ष के थे | पिता प्रभु व्यसायी और सामाजिक कार्यकर्त्ता थे | पिता ने २० वर्षीय विधवा से पुनर्विवाह कर लिया | अपनी माँ के नियंत्रण के कारण कभी घर से न निकलने…
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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 16, 2012 at 10:08am — 8 Comments

प्यार पूज्य हो जायेंगा

हे जलधि, जब कोई ग़ोताखोर
तुम्हारे गर्भ में घुस,
मोती चुग-
दूर हो जायेंगा,
प्यार को वासनामयी
आँखों से देखा जायेंगा |
अगर- ग़ोता लगा,
गर्भ में ही लीन हो जायेंगा,
प्यार पूज्य हो जायेंगा |
फूल-सा चेहरा खिलेगा(जन्मेगा)
चमन में खुशबु महकेगी
किसी को कोई
आपत्ति नहीं होगी |

- लक्ष्मण लडीवाला, जयपुर

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 5, 2012 at 11:30am — 5 Comments

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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