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अरुन 'अनन्त''s Blog – December 2012 Archive (13)

दिल जरा कमजोर है

हाँथ तेरे सौंप दी अब जिंदगी की डोर है,

जानके मत तोड़ना तुम दिल जरा कमजोर है,

भूलना है भूल जाना, गैर तुम मुझको समझ,

प्रेम में बंधन नहीं, ताकत न कोई जोर है,…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 27, 2012 at 3:30pm — 6 Comments

कुण्डलिया एक प्रयास

आदरणीय श्री अरुण कुमार निगम सर के द्वारा संशोधित की गई कुण्डलिया आप सभी के समक्ष सादर पेश कर रहा हूँ कृपया स्वीकारें .

सोवत जागत हर पिता, करता रहता जाप,

रखना बिटिया को सुखी, हे नारायण आप

हे नारायण आप , कृपा अपनी बरसाना

मिले मान सम्मान,मिले ससुराल सुहाना

बीते जीवन…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 27, 2012 at 11:58am — 10 Comments

इसी देश की धरती पे थे, जन्मे स्वयं विधाता

यही देश था वीरों की, गाता अद्भुत गाथा,

इसी देश की धरती पे थे, जन्मे स्वयं विधाता,



कभी यहाँ प्रेम -सभ्यता, की भी बात निराली,

आज यहाँ प्रणाम नमस्ते, से आगे है गाली,

इक मसीहा नहीं बचा है, कौन करे रखवाली,

शहरों में तब्दील हो रही, प्रकृति की…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 23, 2012 at 11:43am — 10 Comments

उठे दर्द जब - उमड़े समंदर

लगी आग जलके, हुआ राख मंजर,

जुबां सुर्ख मेरी, निगाहें सरोवर,

लुटा चैन मेरा, गई नींद मेरी,

मुहब्बत दिखाए, दिनों रात तेवर,

सुबह दोपहर हर घड़ी शाम हरपल,

रही याद तेरी हमेशा धरोहर,…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 21, 2012 at 11:09am — 12 Comments

लड़खड़ाते पांव मेरे - जबकि मैं पीता नहीं

याद में तेरी जिऊँ, मैं आज में जीता नहीं,

लड़खड़ाते पांव मेरे, जबकि मैं पीता नहीं,

नाज़ नखरे रख रखें हैं, आज भी संभाल के,

मैं नहीं इतिहास फिरभी, सार या गीता नहीं,…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 16, 2012 at 12:59pm — 10 Comments

जिंदगी भर - ग़ज़ल

टूटता ये दिल रहा है जिंदगी भर,

दर्द भी हासिल रहा है जिंदगी भर,

अधमरा हर बार जिन्दा छोड़ देना,

मारता तिल-2 रहा है जिंदगी भर,…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 15, 2012 at 11:07am — 14 Comments

बूढ़े बाबा की दीवानी

मोटी - मोटी चादर तानी,

फिर भी भीतर घुसकर मानी,

जाड़े की जारी मनमानी,

बूढ़े बाबा की दीवानी,

दादा - दादी,…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 14, 2012 at 11:24am — 16 Comments

चाह है उसकी मुझे पागल बनाये

चाह है उसकी मुझे पागल बनाये,

बेवजह उड़ता हुआ बादल बनाये,

 

लोग देखेंगे जमीं से आसमां तक,…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 12, 2012 at 6:05pm — 8 Comments

दोहे - प्रथम प्रयास

आदरणीय प्राची जी के कहने और भ्राताश्री अम्बरीश जी के द्वारा दिए गए दोहों के नियमों को पालन करते हुए, दोहे लिखने का मेरा प्रथम प्रयास है आप सभी को सादर समर्पित आप सभी के सहयोग की आकांक्षा लिए अरुन शर्मा.

 

आनन फानन में किया, दोहों का…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 12, 2012 at 11:05am — 8 Comments

कुछ हाइकु

आदरेया प्राची जी के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए मैंने फिर कुछ हाइकु लिखने का प्रयास किया है, आशा करता हूँ की आप सभी मार्गदर्शन करेंगे.

 …

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2012 at 11:00am — 8 Comments

प्यार से तस्वीर मेरी - पोंछना आंसू बहाके

प्यार से तस्वीर मेरी, पोंछना आंसू बहाके।

शीश खटिये पे टिकाकर, सोंचना आंसू बहाके।।

 …

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 5, 2012 at 3:06pm — 16 Comments

ग़ज़ल

दिन कहीं छुप खो गया है, रात भी बाकी नहीं।

मुश्किलें हैं हर कदम पर, बात बन पाती नहीं।।

 …

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 2, 2012 at 1:26pm — 14 Comments

हाइकु

ओ. बी. ओ. के सभी गुरुजनों, मित्रों एवं पाठकों को मेरा विन्रम प्रणाम. आज ओ. बी. ओ. पर काफी दिनों के बाद मेरा आना हुआ है. और ऐसा महसूस हो रहा है कि एक भूला-भटका राही अपने खुशहाल घर वापस आ गया, जहाँ बड़ों का आशीष है, स्नेह है, सहयोग है और कदम- 2 पर साथ है. हाइकु लिखने की पहली कोशिश है मालुम नहीं ठीक है या गलत, आशा करता हूँ कि आप सब मार्गदर्शन अवश्य करेंगे.



सादर

अरुन शर्मा

पराया धन

बढ़ाता परेशानी

मन में चिंता



बुरी नज़र

जलाती तिल…

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Added by अरुन 'अनन्त' on December 2, 2012 at 11:30am — 12 Comments

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