For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिनेश कुमार's Blog – April 2015 Archive (3)

ग़ज़ल -- हर काम यूँ करो कि हुनर बोलने लगे

221-2121-1221-212



हर काम यूँ करो कि हुनर बोलने लगे

मेहनत दिखे सभी को, समर बोलने लगे



उस बेवफ़ा से बोलना तौहीन थी मेरी

लेकिन ये मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर बोलने लगे



तहज़ीब चुप है इल्मो-अदब आज शर्मसार

देखो पिता के मुँह पे पिसर बोलने लगे



आँखों से मैं ज़बान का ऐसे भी काम लूँ

जो भी मैं कहना चाहूँ नज़र बोलने लगे



सब हमको बुतपरस्त समझते रहे मगर

ऐसे तराशे हमने , हजर बोलने लगे



दैरो हरम के नाम पे जब शह्र बँट गया

दोनों तरफ़… Continue

Added by दिनेश कुमार on April 21, 2015 at 8:30pm — 24 Comments

ग़ज़ल -- मेरी बरबाद तमन्ना का जनाज़ा उठ्ठे

अरकान : २१२२-११२२-११२२-२२



मेरी बरबाद तमन्ना का जनाज़ा उठ्ठे

दिल-ए-रेज़ा से शबो रोज़ धुआँ सा उठ्ठे



ये तो मैं हूँ जो ग़मे जाँ से अभी वाबस्ता

मेरे हालात में तो कोई भी घबरा उठ्ठे



झूठ ही झूठ अदालत में दिखाई देता

सच की जानिब से भी तो कोई जियाला उठ्ठे



भूख से मौत के आगोश में जो पहुँचा है

अब न मुफ़लिस का वो सोया हुआ बच्चा उठ्ठे



दुख़्तरे रज़ के तलबगार सभी हैं साक़ी

बस तेरी बज़्म में इक ज़िक्र-ए-पियाला उठ्ठे



लोग दाँतों तले… Continue

Added by दिनेश कुमार on April 14, 2015 at 10:39am — 22 Comments

ग़ज़ल -- मुसीबत में ही याद आते हैं राम

122-122-122-121

ये महँगाई जो बढ़ रही बेलगाम
हमारा तो जीना हुआ है हराम

तिज़ारत में हासिल महारत जिसे
उसे गुठलियों के भी मिलते हैं दाम

न जाने सभी की ये फितरत है क्यूँ
मुसीबत में ही याद आते हैं राम

रखे जो सदा हौसला और उमीद
उसी के ही दुनिया में बनते हैं काम

इसे सिर्फ़ वोटों से मतलब 'दिनेश'
सियासत कहाँ करती फ़िक्रे अवाम

मौलिक व अप्रकाशित

Added by दिनेश कुमार on April 6, 2015 at 8:20am — 23 Comments

Monthly Archives

2024

2023

2018

2017

2016

2015

2014

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
1 minute ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
3 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
12 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
28 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
29 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
30 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Richa यादव जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई। इस्लाह से बेहतर हो जाएगी ग़ज़ल। "
35 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' ji, अच्छा प्रयास हुआ ग़ज़ल का। बधाई आपको। "
38 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Chetan Prakash ji, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। सुझावों से निखार जाएगी ग़ज़ल। बधाई। "
43 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, ख़ूब ग़ज़ल रही, बधाई आपको। "
47 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी। सादर अभिवादन स्वीकार करें। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Sanjay जी, अच्छा प्रयास रहा, बधाई आपको।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service