Jitendra sharma's Posts - Open Books Online2024-03-28T18:27:09ZJitendra sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/Jitendrasharma628https://storage.ning.com/topology/rest/1.0/file/get/2991294689?profile=RESIZE_48X48&width=48&height=48&crop=1%3A1https://openbooks.ning.com/profiles/blog/feed?user=3p8ug7mym8ym4&xn_auth=noलौट के आये उड़ान से - ग़ज़लtag:openbooks.ning.com,2019-02-13:5170231:BlogPost:9745852019-02-13T12:00:00.000ZJitendra sharmahttps://openbooks.ning.com/profile/Jitendrasharma628
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<p>दिन-भर जो बात करते रहे आस्मान से<br></br>सूरज ढला तो लौट के आये उड़ान से</p>
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<p>था वक़्त का ख़याल या हारे थकान से<br></br>निकले थे घर से सुब्ह जो अपने गुमान से</p>
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<p>आसां नहीं बुलन्दी को छूना, ये है फ़लक<br></br>गुज़री हर एक राह तो मुश्किल चढ़ान से</p>
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<p>टूटे हुए सितारों से हो किसको वास्ता<br></br>निस्बत रही सभी को फ़क़त आस्मान से</p>
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<p>खामोशियों से करते हैं हालत मेरी बयां<br></br>आँखों से बहते अश्क मेरे बेजुबान-से</p>
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<p>जब मग़रिबी हवाओं से मुरझा गया…</p>
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<p>दिन-भर जो बात करते रहे आस्मान से<br/>सूरज ढला तो लौट के आये उड़ान से</p>
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<p>था वक़्त का ख़याल या हारे थकान से<br/>निकले थे घर से सुब्ह जो अपने गुमान से</p>
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<p>आसां नहीं बुलन्दी को छूना, ये है फ़लक<br/>गुज़री हर एक राह तो मुश्किल चढ़ान से</p>
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<p>टूटे हुए सितारों से हो किसको वास्ता<br/>निस्बत रही सभी को फ़क़त आस्मान से</p>
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<p>खामोशियों से करते हैं हालत मेरी बयां<br/>आँखों से बहते अश्क मेरे बेजुबान-से</p>
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<p>जब मग़रिबी हवाओं से मुरझा गया चमन<br/>कैसे रखें उमीद किसी नौजवान से</p>
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<p>बदलेंगे ज़िन्दगी तेरे हालात एक दिन<br/>बदली हवा की चाल लगे कल-कलान से</p>
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<p>जाने ये किस दयार के इन्सां हैं दोस्तो<br/>जो मुफ़लिसी के हाल में जीते हैं शान से</p>
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<p>चल 'जीत' ज़िन्दगी से सवाल आज हम करें<br/>ताउम्र क्या मिला हमें हर इम्तिहान से</p>
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<p>स्वरचित एवं अप्रकाशित</p>