2122 2122 2122 2122
******************************मन किसी अंधे कुए में नित वफ़ा को ढूँढता हैजबकि तन लेकर हवस को रात दिन बस भागता है
*****तार कर इज्जत सितारे घूमते बेखौफ होकरकह रहे सब खुल के वचलना चाँद की भोली खता है
*****जिंदगी भर यूँ अदावत खूब की तूने सभी सेमौत के पल मिन्नतें कर राह में क्यों रोकता है
****जाँच को फिर से बिठाओ आँसुओं कोई कमीशनघाव की …