आया है जन पर्व जो, मकर संक्रांति आज।गंगा तट पर सब जुटे, छोड़ सकारे काज।१।*आज उत्तरायण हो चले, मकर राशि पर सूर्य।हर घाट शंखनाद अब, बजता चहुँदिश तूर्य।२।*निशा घटे बढ़ते दिवस, बढ़ता सूर्य प्रकाश।भर देते हैं इस दिवस, कनकौवे आकाश।३।* विविध प्रांत, भाषा यहाँ, भारत देश विशाल।विविध पर्व भी हैं मगर, मनें सनातन चाल।४।*गंगा में डुबकी लगा, करते हैं सब स्नान।करते पाने पुण्य फिर, अन्न धन्न का दान।५।*कह…