"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता है.
वस्तुतः प्रस्तुत चित्र हालिया सम्पन्न हुए चुनावों का स्मरण करा रहा है, जिसके पूर्व सूबे में वोट-चोर का खूब…"
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//
आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है जो अन्यथा ही भाषा में पिरोया गया है. हिन्दी भाषा में ऐसी कोई मनाही नहीं है. अलबत्ता, उर्दू भाषा के…"
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.
आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक भाईजी ने सार्थक टिप्पणी की है. आप अवश्य संज्ञान लीजिएगा.
शुभातिशुभ"
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब हुआ है.
हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर मचाते शोर । .......... …"