छोटी बहर की ग़ज़ल : अजब ये रोग है दिल का

बहर : हज़ज मुरब्बा सालिम

       1222, 1222

परेशानी बढ़ाता है,

सदा पागल बनाता है,

अजब ये रोग है दिल का,

हँसाता है रुलाता है,

दुआओं से दवाओं से,

नहीं आराम आता है,

कभी छलनी जिगर कर दे,

कभी मलहम लगाता है,

हजारों मुश्किलें देकर,

दिलों को आजमाता है,

गुजरती रात है तन्हा,

सवेरे तक जगाता है,

नसीबा ही जुदा करता,

नसीबा ही मिलाता है,

कभी ख्वाबों के सौ टुकड़े,

कभी जन्नत दिखाता है,

उमर लम्बी यही कर दे,

यही जीवन मिटाता है...

  • coontee mukerji

    बहुत सुंदर गजल.....

    कभी ख्वाबों के सौ टुकड़े,

    कभी जन्नत दिखाता है,

    उमर लम्बी यही कर दे,

    यही जीवन मिटाता है.

  • annapurna bajpai

    आदरणीय अरुण जी गजल तो बहुत बढ़िया है , किन्तु मुझे बहर के विषय मे थोड़ा जानकारी दें । मै इस विषय मे कोरा कागज़ जैसी हूँ ।

  • बृजेश नीरज

    अहहा! वाह! आप उस्ताद हो गए! बधाई आपको! 


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Dr.Prachi Singh

    प्रिय अनुज अरुण शर्मा जी 

    छोटी बह्र पर बहुत खूबसूरत गज़ल.....हर शेर स्वतः ही हामी भरवाता हुआ है , वाह 

    हार्दिक बधाई 

  • जितेन्द्र पस्टारिया

    "हजारों मुश्किलें देकर,

    दिलों को आजमाता है,

    गुजरती रात है तन्हा,

    सवेरे तक जगाता है,"...वाह ! बहुत खूब..आदरणीय. अरुण जी ,उम्दा गज़ल पर दाद कुबूल कीजिये

  • Sarita Bhatia

    waah arun bahut bahut badhayi

    ,aap to vaise hi mahir ho gaye ho gajal ke 

  • Aarti Sharma

    कभी छलनी जिगर कर दे,

    कभी मलहम लगाता है,....

    वाह बहुत खूब अरुण जी..बधाई स्वीकारें.

  • Ketan Parmar

    गुजरती रात है तन्हा,

    सवेरे तक जगाता है,

    Karamati sher mitr badhai sweekare

  • वेदिका

    कभी ख्वाबों के सौ टुकड़े,

    कभी जन्नत दिखाता है, वाह!!

    सभी शेअर उम्दा है !! 

  • अरुन 'अनन्त'

    आदरणीया कुंती जी ग़ज़ल की सराहना हेतु हार्दिक आभार आपका.

  • अरुन 'अनन्त'

    बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया अनुपमा जी, ग़ज़ल के विषय में जानकारी प्राप्त करने हेतु पाठशाला में जाकर ग़ज़ल की कक्षा या ग़ज़ल की बातें का अनुसरण करें, आप ग़ज़ल लिखना शुरू कर देंगी. सादर

  • अरुन 'अनन्त'

    बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय बृजेश भाई जी स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

  • अरुन 'अनन्त'

    ह्रदय से हार्दिक आभार आदरणीया प्राची दी आपकी टिपण्णी सदैव उत्साह को बढाती है एवं और अच्छा लिखने हेतु अग्रसर करती. अनुज पर स्नेह एवं आशीष यूँ ही बनाये रखिये.

  • अरुन 'अनन्त'

    शुक्रिया आदरणीय जीतेंद्र भाई जी

  • अरुन 'अनन्त'

    हार्दिक आभार आदरणीया सरिता जी स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

  • अरुन 'अनन्त'

    हार्दिक आभार आदरणीया आरती जी काफी समय के बाद आप ओ बी ओ पर एवं मेरी पोस्ट पर आयीं बड़ी प्रसन्नता हुई. गुजारिश है आपसे सक्रियता बनाये रखें.

  • अरुन 'अनन्त'

    हार्दिक आभार केतन भाई जी