"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 77 - Open Books Online2024-03-29T15:57:43Zhttps://openbooks.ning.com/group/pop/forum/topics/77?commentId=5170231%3AComment%3A881443&feed=yes&xn_auth=noआदरणीया सुनंदाजी
इस अति सुंदर…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8819532017-09-16T18:29:48.931Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीया सुनंदाजी</p>
<p>इस अति सुंदर भावपूर्ण छंद के लिए हार्दिक बधाई।</p>
<p></p>
<p>आदरणीया सुनंदाजी</p>
<p>इस अति सुंदर भावपूर्ण छंद के लिए हार्दिक बधाई।</p>
<p></p> आदरणीया सुनंदाजी
इस अति सुंदर…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8817552017-09-16T18:29:22.773Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीया सुनंदाजी</p>
<p>इस अति सुंदर भावपूर्ण छंद के लिए हार्दिक बधाई।</p>
<p></p>
<p>आदरणीया सुनंदाजी</p>
<p>इस अति सुंदर भावपूर्ण छंद के लिए हार्दिक बधाई।</p>
<p></p> आदरणीया सुनंदा जी, चित्र को प…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8820562017-09-16T18:29:13.411Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीया सुनंदा जी, चित्र को परिभाषित करते बढ़िया छंद पद लिखे हैं. हार्दिक बधाई. सादर </p>
<p>आदरणीया सुनंदा जी, चित्र को परिभाषित करते बढ़िया छंद पद लिखे हैं. हार्दिक बधाई. सादर </p> आदरणीय अरुण भाईजी
आपकी रचना ह…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8820552017-09-16T18:27:44.906Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय अरुण भाईजी</p>
<p>आपकी रचना हम पाठकों के लिए सीखने का एक जरिया है। आल्हा छंद बारीकियाँ और खूबियाँ दोनो इसमें है। हार्दिक बधाई।</p>
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<p>आदरणीय अरुण भाईजी</p>
<p>आपकी रचना हम पाठकों के लिए सीखने का एक जरिया है। आल्हा छंद बारीकियाँ और खूबियाँ दोनो इसमें है। हार्दिक बधाई।</p>
<p></p> जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब,छ…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8819522017-09-16T18:25:55.387ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब,छन्दों की सराहना के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब,छन्दों की सराहना के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद । आदरणीय अरुण सर, प्रदत्त चित्र…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8818722017-09-16T18:23:25.702Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय अरुण सर, प्रदत्त चित्र को सार्थक करते बढ़िया आल्हा छंद पद लिखे हैं. लेकिन यह पंक्ति तो बहुत प्रासंगिक और कालजयी हुई है -</p>
<p>//परम्परागत यह विद्या भी, लगता है अब होगी लुप्त</p>
<p></p>
<p>जानकार भी नहीं बाँटते, जाने क्यों रखते हैं गुप्त.//-----------> यह हर विधा/विद्या की विडम्बना है. सादर </p>
<p>आदरणीय अरुण सर, प्रदत्त चित्र को सार्थक करते बढ़िया आल्हा छंद पद लिखे हैं. लेकिन यह पंक्ति तो बहुत प्रासंगिक और कालजयी हुई है -</p>
<p>//परम्परागत यह विद्या भी, लगता है अब होगी लुप्त</p>
<p></p>
<p>जानकार भी नहीं बाँटते, जाने क्यों रखते हैं गुप्त.//-----------> यह हर विधा/विद्या की विडम्बना है. सादर </p> आदरणीय मिथिलेश भाईजी
उत्साहव…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8820542017-09-16T18:21:32.555Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय मिथिलेश भाईजी</p>
<p>उत्साहवर्धन और प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार।</p>
<p>आदरणीय मिथिलेश भाईजी</p>
<p>उत्साहवर्धन और प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार।</p> आदरणीया सुनंदाजी
उत्साहवर्धन…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8819512017-09-16T18:20:47.473Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीया सुनंदाजी</p>
<p>उत्साहवर्धन और प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार।</p>
<p>आदरणीया सुनंदाजी</p>
<p>उत्साहवर्धन और प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार।</p> आदरणीय सत्यनारायण जी, बहुत बढ़…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8819502017-09-16T18:19:51.503Zमिथिलेश वामनकरhttps://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय सत्यनारायण जी, बहुत बढ़िया लिखा है आपने. हार्दिक बधाई</p>
<p></p>
<p>जिनकी इच्छा शक्ति <strong>अधिकतम</strong>, लिखती जीवन का <strong>उन्वान</strong>॥</p>
<p>आदरणीय सत्यनारायण जी, बहुत बढ़िया लिखा है आपने. हार्दिक बधाई</p>
<p></p>
<p>जिनकी इच्छा शक्ति <strong>अधिकतम</strong>, लिखती जीवन का <strong>उन्वान</strong>॥</p> आदरणीय आरिफ भाई
उत्साहवर्धन औ…tag:openbooks.ning.com,2017-09-16:5170231:Comment:8820532017-09-16T18:19:32.291Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttps://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय आरिफ भाई</p>
<p>उत्साहवर्धन और प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार।</p>
<p>आदरणीय आरिफ भाई</p>
<p>उत्साहवर्धन और प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद, आभार।</p>