For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ चालीसवाँ आयोजन है.   

 

पुनः इस बार का छंद है - सरसी छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

24 दिसम्बर 2022 दिन शनिवार से 

25 दिसम्बर 2022 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

सरसी छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

*********************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 24 दिसम्बर 2022 दिन शनिवार से 25 दिसम्बर 2022 दिन रविवार तक, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

चित्र अपने माध्यम से 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम 

Views: 445

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय दयाराम मेथानी जी, आपके प्रयास का सादर स्वागत है. विधानाश्रित रचनाओं पर आप द्वारा कार्य किया जाना आश्वस्त करता है. 

मात्रा और शब्द से आगे विधान की बारीकियों फर आप ध्यान दें तो प्रयास और निखर हुआ होगा. 

जैसे, मुस्कान लिए देख रहे सब, मन नाच रहा मोर  को सहज ही  देख रहे मुस्कान लिए सब, नाच रहा मनमोर कर विधान के आग्रह को संतुष्ट किया जा सकता है. 

या, कहता सबको उस नेता सा, देश में नहीं और .. सबको कहता उस नेता सा, नहीं देश में और  किया जा सकता है.

ये तो उदाहरण मात्र हैं, आगे आप स्वयं इस ओर सुगढ़ अभ्यास कर सकते हैं. 

आपकी कोशिशों का हार्दिक स्वागत है.  

शुभ-शुभ

आदरणीय सौरभ पांडेय जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार। आपने जो सुझाव दिया है निसंदेह वे स्वागत योग्य है। मैं इस दिशा में प्रयास करता रहूंगा सादर।

आदरणीय दयाराम मेठानी साहब सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करते अच्छे छंद रचे हैं आपने. किन्तु मात्रिकता सही होने पर भी प्रवाह बाधित है. आदरणीय सौरभ जी ने इंगित किया ही है. सादर 

सरसी छंद : 

पिछड़  गये जो  क्षेत्र अभी हैं, अनुदेशक   है  गाँव ।

सड़क  जहाँ नहीं  भारति थीं,  शिक्षक पहुँचा पाँव ।।

नयी   शुरुआत   देश  हुई  है, स्त्री  शिक्षा  पर ध्यान ।

पढ़ो प्रथम भाषा लिखो स्वयं, बनो  एक  अभियान।।

शिक्षण  होय  विज्ञान का पहले,  बच्चे   माँ   के  साथ ।

ज्ञान-ज्योति देश अब जल गयी, जतन रोग का क्वाथ ।।

जली  धुंध   होलिका  सम्प्रति,  अमावस  दीप - दान ।

सखा अगला दशक भारत का, जगती गुरु सम मान ।।

शिक्षित होंगी माँ - बेटी देश,  सम्भव  शीघ्र  विकास  ।

स्वर्णिम युग होगा  भारत में,   घर   गरीब   उल्लास ।।

कि होगी  उन्नति भी चौगुनी,   उत्सव  हर घर  हास ।

शीश  ऊँचा हो फिर भारती,  स्वर्णिम हो अहसास ।।

विभा  जहाँ जहाँ हो सूर्य की, प्रकृति सुदूर  प्रदेश  ।

निर्धन  के  सर भी छत होगी, मिलता  यह  संदेश ।।

ठिठुर नही  मरेंगे  रंक  अब,  ठंड   पौष  औ'  माघ ।

शासन होगा सिक्त  अनुभूति , नृप ना कदापि घाघ ।।

मौलिक व अप्रकाशित 

आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप छंदों का प्रयास अच्छा है किन्तु कई जगह मात्राएँ अधिक या कम हो रही है। फिलहाल इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।

आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. 

अक्सर कम समय में रचना कर्म हो तो कई जानी-बूझी अशुद्धियाँ सिर उठाये दीखती हैं. यही आपकी रचना के साथ प्रतीत हो रहा है. 

सरसी छंद का निष्ठापूर्वक अवगाहन करें तो आप अपनी छांदसिक क्षमता का भरपूर लाभ ले सकेंगे. 

शुभातिशुभ

आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, प्रदत्त चित्र पर सरसी छन्द रचने का अच्छा प्रयास हुआ है आपका. किन्तु कहीं कथ्य की निरंतरता नहीं तो कहीं प्रवाह नहीं है. देख लें. सादर 

सरसी छंद

 

शहरी बाबू आ धमका है, किसी पुराने गाँव।

ताजा-ताजा भोर हुआ है, कहती लम्बी छाँव।।

आकर इसने बाँट दिया है, पीला पर्चा एक।

जाने है यह बुरा आदमी, या फिर कोई नेक।।

 

धर्म प्रचारक है यह कोई, करने आया घात।

या सरकारी सुविधाओं की, देगा यह सौगात।।

महिलाएँ ग्रामीण वर्ग की, नहीं बहुत चालाक।

यही जानकर जमा रहा है, यह बातों से धाक।।

 

बच्चे ये शिक्षित होंगे तो, जानेंगे सब राज़।

समझा देंगे सब कुछ इसको, अभी आज के आज।।

शिक्षा के बिन जीना अब तो, समझो मौत समान।

अनपढ़ होता पशु के जैसा, जाने हर इंसान।।

 

मौलिक/अप्रकाशित.

 

आ. भाई अशोक जी , सादर अभिवादन। बहुत ही धमाकेदार समापन प्रस्तुति हुई है। इसके लिए बहुत बहुत हार्दिक बधाई। 

चित्र मुखर हो पाया आखिर, सफल हुआ है कार्य 

कई तरह के रंग दिखे हैं छटा सब अपरिहार्य 

सच है शंका हो जाती है चाहे जो हो व्यक्ति 

लेकिन भोली महिलाओं को देनी होगी शक्ति

 

आदरणीय अशोक भाई साहब, सक्षम सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद। 

शुभातिशुभ

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

हमें यूँ न रंगीन सपने दिखाओ - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२२*अँधेरों से जब जब डरी रोशनी हैबड़ी मुश्किलों में पड़ी जिन्दगी है।१।*कहीं आदमी खुद लगे…See More
2 hours ago
PHOOL SINGH posted a blog post

सम्राट अशोक महान

चन्द्रगुप्त का पौत्र, जो बिन्दुसार का पुत्र थाबौद्ध धर्म का बना अनुयायीजो धर्म-सहिष्णु सम्राट…See More
yesterday
मनोरमा जैन पाखी left a comment for मनोरमा जैन पाखी
"धन्यवाद आद. योगराज प्रभाकर सर जी"
Sunday
मनोरमा जैन पाखी updated their profile
Sunday
Manoj Misran is now a member of Open Books Online
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"बहतर है शुक्रिया आपका अमित जी सादर"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय Mahendra Kumar जी  1. मतला ग़ज़ल का पहला शे'र और सबसे अह्म हिस्सा होता है। उसे…"
Saturday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
""ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-153 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
" जी ठीक है हमको फ़ुर्सत ही नहीं कार-ए-जहाँ से जानाँ "आपके मिलने का होगा जिसे अरमाँ…"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय अमित जी एक और प्रयास देखिएगा सादर हमको फ़ुर्सत ही नहीं कार-ए-जहाँ से मिलती "आपके मिलने…"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय महेंद्र जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय अजय जी। सादर।"
Saturday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service