"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 116 - Open Books Online2024-03-29T11:30:43Zhttps://openbooks.ning.com/group/pop/forum/topics/116?commentId=5170231%3AComment%3A1038868&feed=yes&xn_auth=noआदरणीया प्रतिभा जी, इस चित्रा…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10388812020-12-20T18:25:45.829ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया प्रतिभा जी, इस चित्रानुरूप प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई.. </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p>
<p>आदरणीया प्रतिभा जी, इस चित्रानुरूप प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई.. </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p> आदरणीय मुकुल लिम्बााड़़ जी, आ…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10388802020-12-20T18:23:58.527ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय मुकुल लिम्बााड़़ जी, आपकी प्रस्तुति का आदरणीय अशोक भाईजी ने विश्लेषण किया है. संज्ञान लीजिएगा.</p>
<p>सादर</p>
<p></p>
<p>आदरणीय मुकुल लिम्बााड़़ जी, आपकी प्रस्तुति का आदरणीय अशोक भाईजी ने विश्लेषण किया है. संज्ञान लीजिएगा.</p>
<p>सादर</p>
<p></p> प्रदत्त चित्र पर मनोहारी प्रस…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10387922020-12-20T18:18:50.944ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>प्रदत्त चित्र पर मनोहारी प्रस्तुति से मुग्ध कर दिया, आदरणीय अशोक भाईजी. हार्दिक बधाइयाँ. </p>
<p></p>
<p style="text-align: left;">संयुक्ताक्षरों को साधने में छंदानुकूल नियमों से समझौता किया जाना चौंका रहा है. स्थिर और स्थायी ऐसे हीशब्द हैं. </p>
<p style="text-align: left;">शुभातिशुभ .. </p>
<p>प्रदत्त चित्र पर मनोहारी प्रस्तुति से मुग्ध कर दिया, आदरणीय अशोक भाईजी. हार्दिक बधाइयाँ. </p>
<p></p>
<p style="text-align: left;">संयुक्ताक्षरों को साधने में छंदानुकूल नियमों से समझौता किया जाना चौंका रहा है. स्थिर और स्थायी ऐसे हीशब्द हैं. </p>
<p style="text-align: left;">शुभातिशुभ .. </p> आदरणीय छोटेलाल जी, आपकी रचना…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10387912020-12-20T18:11:49.106ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय छोटेलाल जी, आपकी रचना प्रदत्त छंद के विधान का पालन नहीं कर रही है. </p>
<p>शुभातिशुभ </p>
<p>आदरणीय छोटेलाल जी, आपकी रचना प्रदत्त छंद के विधान का पालन नहीं कर रही है. </p>
<p>शुभातिशुभ </p> आदरणीया अनामिका सिंह अना जी,…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10388792020-12-20T18:10:15.222ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया अनामिका सिंह अना जी, सुरम्य वादियों की गोद में बसे गाँव और हरियाली को आपने मनोयोग से शब्दबद्ध किया है. </p>
<p>रचना-सामर्थ्य प्रभावी होने से आपकी प्रस्तुति पठनीय बन पड़ी है. </p>
<p>हार्दिक बधाई एवं अशेष शुभकामनाएँ.. </p>
<p></p>
<p>वैसे, आवली शब्द को देख लेना उचित होगा. </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p>
<p>आदरणीया अनामिका सिंह अना जी, सुरम्य वादियों की गोद में बसे गाँव और हरियाली को आपने मनोयोग से शब्दबद्ध किया है. </p>
<p>रचना-सामर्थ्य प्रभावी होने से आपकी प्रस्तुति पठनीय बन पड़ी है. </p>
<p>हार्दिक बधाई एवं अशेष शुभकामनाएँ.. </p>
<p></p>
<p>वैसे, आवली शब्द को देख लेना उचित होगा. </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> प्रस्तुत गीतिका छंदों पर उत्स…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10389302020-12-20T17:57:44.488ZAshok Kumar Raktalehttps://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>प्रस्तुत गीतिका छंदों पर उत्साहवर्धन के लिए अतिशय आभार आदरणीया अनामिका सिंह जी. सादर</p>
<p>प्रस्तुत गीतिका छंदों पर उत्साहवर्धन के लिए अतिशय आभार आदरणीया अनामिका सिंह जी. सादर</p> आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10388782020-12-20T17:57:01.401ZAshok Kumar Raktalehttps://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रस्तुत छंदों को सराहने के लिए आपका हृदय से आभार. सादर</p>
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रस्तुत छंदों को सराहने के लिए आपका हृदय से आभार. सादर</p> आ. भाई मुकुल जी, चित्रानुरूप…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10390252020-12-20T15:15:46.364Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'https://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई मुकुल जी, चित्रानुरूप अच्छे छन्द हुए हैं । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई मुकुल जी, चित्रानुरूप अच्छे छन्द हुए हैं । हार्दिक बधाई ।</p> वाह ...
प्रदत्त चित्र पर अति…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10389292020-12-20T15:01:35.177ZAnamika singh Anahttps://openbooks.ning.com/profile/AnamikasinghAna
<p>वाह ...</p>
<p>प्रदत्त चित्र पर अति सुंदर गीतिका छंद सृजित हुये हैं ।</p>
<p></p>
<p>हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए , आदरणीय ।</p>
<p>वाह ...</p>
<p>प्रदत्त चित्र पर अति सुंदर गीतिका छंद सृजित हुये हैं ।</p>
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<p>हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए , आदरणीय ।</p> हार्दिक आभार आदरणीया अनामिका…tag:openbooks.ning.com,2020-12-20:5170231:Comment:10388772020-12-20T14:07:18.059Zpratibha pandehttps://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीया अनामिका जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीया अनामिका जी</p>