"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-39 (Now closed) - Open Books Online2024-03-28T18:40:37Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/mus39?commentId=5170231%3AComment%3A444173&feed=yes&xn_auth=noshukriyaa .. yah khoob samajh…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4443752013-09-29T18:29:52.534ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p><strong>shukriyaa</strong> .. yah khoob samajh mein aa gayaa.. :-)))))</p>
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<p><strong>shukriyaa</strong> .. yah khoob samajh mein aa gayaa.. :-)))))</p>
<p></p> फिर तो आपको विशेष बधाई ग़ज़ल की…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4443742013-09-29T18:29:51.799Zवीनस केसरीhttps://openbooks.ning.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p>फिर तो आपको विशेष बधाई <br></br>ग़ज़ल की दुनिया में स्वागत है <br></br><br></br>ये पहली ग़ज़ल है फिर तो मैं हैरान हूँ आपने सच में कमाल ही कर दिया <br></br><br></br>बहुत कुछ बोलती हो तुम जरा ये मान लो कहना<br></br>कहा ये फोन पर उसने मुझे विराम से पहले..<br></br><br></br>इस शेर पर आपको कई मईनों में काम करना पड़ेगा</p>
<p><br></br>बहुत कुछ बोलती हो <strong>तुम जरा ये मान लो कहना</strong> <br></br><br></br>क्या कहना मानना है ये बात इस शेर से नदारद है, <br></br><br></br>एक उदाहरण प्रस्तुत है ....<br></br><br></br>बहुत कुछ बोलते हैं आप मैं कुछ कह नहीं पाता…</p>
<p>फिर तो आपको विशेष बधाई <br/>ग़ज़ल की दुनिया में स्वागत है <br/><br/>ये पहली ग़ज़ल है फिर तो मैं हैरान हूँ आपने सच में कमाल ही कर दिया <br/><br/>बहुत कुछ बोलती हो तुम जरा ये मान लो कहना<br/>कहा ये फोन पर उसने मुझे विराम से पहले..<br/><br/>इस शेर पर आपको कई मईनों में काम करना पड़ेगा</p>
<p><br/>बहुत कुछ बोलती हो <strong>तुम जरा ये मान लो कहना</strong> <br/><br/>क्या कहना मानना है ये बात इस शेर से नदारद है, <br/><br/>एक उदाहरण प्रस्तुत है ....<br/><br/>बहुत कुछ बोलते हैं आप मैं कुछ कह नहीं पाता </p>
<p>ज़रा सुन भी लिया करिये मुझे आराम से पहले..</p> मुझे याद आती हो माँ तुम, खुदा…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4444642013-09-29T18:29:15.119ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p><span style="text-decoration: line-through;">मुझे याद आती हो माँ तुम, खुदा के नाम से पहले</span></p>
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<p><span>मुझे माँ याद आती है<span>, खुदा के नाम से पहले । </span></span></p>
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<p><span><span>बधाई इस प्रयास पर । </span></span></p>
<p><span style="text-decoration: line-through;">मुझे याद आती हो माँ तुम, खुदा के नाम से पहले</span></p>
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<p><span>मुझे माँ याद आती है<span>, खुदा के नाम से पहले । </span></span></p>
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<p><span><span>बधाई इस प्रयास पर । </span></span></p> वाह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4446182013-09-29T18:28:33.489Zअरुण कुमार निगमhttps://openbooks.ning.com/profile/arunkumarnigam
<p>वाह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! पन्नों का शतक पूरा.....................बधाइयाँ........................</p>
<p>वाह !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! पन्नों का शतक पूरा.....................बधाइयाँ........................</p> मतला ही मन मोह लिया, बाकी के…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4446172013-09-29T18:27:21.381ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>मतला ही मन मोह लिया, बाकी के अशआर भी बढ़िया लगे, दाद कुबूल करें । </p>
<p>मतला ही मन मोह लिया, बाकी के अशआर भी बढ़िया लगे, दाद कुबूल करें । </p> साथियों इस बार मै इस मुशायरे…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4445422013-09-29T18:27:16.705ZAVINASH S BAGDEhttps://openbooks.ning.com/profile/AVINASHSBAGDE
<p><span>साथियों इस बार मै इस मुशायरे में शामिल न हो सका (पूरी तरह )इस बात का अफसोस है। बहुत से मित्रो की ग़ज़लों पे अपनी बात न कह सका ,खेद है। शानदार ,सफल आयोजन हेतु सभी का साधुवाद shubh ratri....</span></p>
<p><span>साथियों इस बार मै इस मुशायरे में शामिल न हो सका (पूरी तरह )इस बात का अफसोस है। बहुत से मित्रो की ग़ज़लों पे अपनी बात न कह सका ,खेद है। शानदार ,सफल आयोजन हेतु सभी का साधुवाद shubh ratri....</span></p> आदरणीया शशि पुरवार जी, उम्दा…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4444632013-09-29T18:25:41.160Zअरुण कुमार निगमhttps://openbooks.ning.com/profile/arunkumarnigam
<p>आदरणीया शशि पुरवार जी, उम्दा गज़ल हुई, किसी एक की क्या कहूँ, हर शेर लाजवाब है. बहुत-बहुत बधाइयाँ...........</p>
<p>आदरणीया शशि पुरवार जी, उम्दा गज़ल हुई, किसी एक की क्या कहूँ, हर शेर लाजवाब है. बहुत-बहुत बधाइयाँ...........</p> आय हाय हाय, जबरदस्त, सभी शेर…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4446162013-09-29T18:25:06.740ZEr. Ganesh Jee "Bagi"https://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>आय हाय हाय, जबरदस्त, सभी शेर अच्छे लगें, पुछल्ला तो शानदार है, बहुत बहुत बधाई आदरणीय गुरुदेव । </p>
<p>आय हाय हाय, जबरदस्त, सभी शेर अच्छे लगें, पुछल्ला तो शानदार है, बहुत बहुत बधाई आदरणीय गुरुदेव । </p> ओबीओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-3…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4446152013-09-29T18:24:57.755ZSaurabh Pandeyhttps://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>ओबीओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-39 के अति सफल संचालन के लिए भाई राणाजी को हार्दिक बधाई, और, सभी भागीदार सदस्यों को इस प्रयास के लिए मेरा सादर अभिवादन </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p>ओबीओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-39 के अति सफल संचालन के लिए भाई राणाजी को हार्दिक बधाई, और, सभी भागीदार सदस्यों को इस प्रयास के लिए मेरा सादर अभिवादन </p>
<p>शुभ-शुभ</p> बहुत बहुत दिली शुक्रिया, कविर…tag:openbooks.ning.com,2013-09-29:5170231:Comment:4443732013-09-29T18:22:38.938ZD.K.Nagaich 'Roshan'https://openbooks.ning.com/profile/DKNagaich
<p>बहुत बहुत दिली शुक्रिया, कविराज बुन्देली भाई जी .. आपकी मुहब्बतों को सलाम </p>
<p>बहुत बहुत दिली शुक्रिया, कविराज बुन्देली भाई जी .. आपकी मुहब्बतों को सलाम </p>