"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92 - Open Books Online2024-03-29T02:01:58Zhttps://openbooks.ning.com/forum/topics/92-1?commentId=5170231%3AComment%3A934138&feed=yes&xn_auth=noआदरणीय सत्यनारायण जी। प्रणाम।…tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9345452018-06-16T18:33:34.754ZASHISH SHRIVASTAVAhttps://openbooks.ning.com/profile/ASHISHSHRIVASTAVA948
<p>आदरणीय सत्यनारायण जी। प्रणाम। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए किसी प्रमाण-पत्र से कम नहीं है। हमें बहुत अच्छा लगा कि आपने ध्यान से हमारे लिखे को पढ़ा और हमें अवगत कराया। हम पूरे सम्मान से आपके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में आपका सहयोग बना रहेगा। आपकी शुभकामनाओं का अभिलाषी।</p>
<p>आदरणीय सत्यनारायण जी। प्रणाम। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए किसी प्रमाण-पत्र से कम नहीं है। हमें बहुत अच्छा लगा कि आपने ध्यान से हमारे लिखे को पढ़ा और हमें अवगत कराया। हम पूरे सम्मान से आपके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं और आशा करते हैं कि भविष्य में आपका सहयोग बना रहेगा। आपकी शुभकामनाओं का अभिलाषी।</p> सम्मानीय कवयित्री जी सादर नमस…tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9344682018-06-16T18:33:06.277ZASHISH SHRIVASTAVAhttps://openbooks.ning.com/profile/ASHISHSHRIVASTAVA948
<p>सम्मानीय कवयित्री जी सादर नमस्कार! आपकी प्रतिक्रिया ने मन के उद्गारों को जैसे पूर्णतः प्रदान कर दी है। आपकी प्रतिक्रियाओं से लगा आपको साहित्य की अच्छी जानकारी है और मात्राओं के बारे में भी पता है। हम तो नये हैं अधिक नहीं जानते, यदि ऐसी कोई कमी अथवा सुधार की गुंजाइश तो अवश्य ही हमारा भी ध्यान आकर्षित कीजिएगा। हमें बुरा नहीं लगेगा, बल्कि सुधार का, सीखने का अवसर ही मिलेगा। आपकी टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद। और हां, भविष्य में थ्रेड चैंज की गलती न हो, इसके लिए भी मार्गदर्शन करने की कृपा…</p>
<p>सम्मानीय कवयित्री जी सादर नमस्कार! आपकी प्रतिक्रिया ने मन के उद्गारों को जैसे पूर्णतः प्रदान कर दी है। आपकी प्रतिक्रियाओं से लगा आपको साहित्य की अच्छी जानकारी है और मात्राओं के बारे में भी पता है। हम तो नये हैं अधिक नहीं जानते, यदि ऐसी कोई कमी अथवा सुधार की गुंजाइश तो अवश्य ही हमारा भी ध्यान आकर्षित कीजिएगा। हमें बुरा नहीं लगेगा, बल्कि सुधार का, सीखने का अवसर ही मिलेगा। आपकी टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद। और हां, भविष्य में थ्रेड चैंज की गलती न हो, इसके लिए भी मार्गदर्शन करने की कृपा कीजिएगा। पुनश्च धन्यवाद। आशीर्वाद का सदैव आकांक्षी</p> ओबीओ लाइव महाउत्सव अंक-92 को…tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9349842018-06-16T18:23:58.516ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>ओबीओ लाइव महाउत्सव अंक-92 को सफल बनाने के लिए सभी रचनाकारों और पाठकों का हार्दिक धन्यवाद व आभार ।</p>
<p>ओबीओ लाइव महाउत्सव अंक-92 को सफल बनाने के लिए सभी रचनाकारों और पाठकों का हार्दिक धन्यवाद व आभार ।</p> ओ....शुक्रिया सर जी, भोपाल मे…tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9346542018-06-16T18:23:38.777ZASHISH SHRIVASTAVAhttps://openbooks.ning.com/profile/ASHISHSHRIVASTAVA948
<p>ओ....शुक्रिया सर जी, भोपाल में गंगा-जमुनी तहजीब की सदियों पुरानी रवायत है उसी को हम पूरे आदर-सत्कार से निभा रहे हैं। ये बड़ा ही अजीब इत्तेफाक है या कहें कि हमारी खुशकिस्मती की एक ईद से पहले हमारे यहां से अकीदतमंद हज के लिए जाते हैं और एक ईद पर सऊदी अरब से यहां ईद मनाने को आते हैं। आज फाॅदर के पुराने दोस्तों से मिला, बहुत अच्छा लगा। कई घरों में तो ईद पर इतना सत्कार मिला कि अभिभूत हो गया। ये दो त्यौहार ऐसे होते हैं जब हम खुद को भावुक होने से नहीं रोक पाते एक तो ईद उल फित्र और दूसरा रक्षाबंधन।…</p>
<p>ओ....शुक्रिया सर जी, भोपाल में गंगा-जमुनी तहजीब की सदियों पुरानी रवायत है उसी को हम पूरे आदर-सत्कार से निभा रहे हैं। ये बड़ा ही अजीब इत्तेफाक है या कहें कि हमारी खुशकिस्मती की एक ईद से पहले हमारे यहां से अकीदतमंद हज के लिए जाते हैं और एक ईद पर सऊदी अरब से यहां ईद मनाने को आते हैं। आज फाॅदर के पुराने दोस्तों से मिला, बहुत अच्छा लगा। कई घरों में तो ईद पर इतना सत्कार मिला कि अभिभूत हो गया। ये दो त्यौहार ऐसे होते हैं जब हम खुद को भावुक होने से नहीं रोक पाते एक तो ईद उल फित्र और दूसरा रक्षाबंधन। ईद पर हम पापा जी के साथ जाते हैं सेवइयां दही-छोले का लुत्फ उठाते हैं और रक्षाबंधन पर हम कई तरह की मिठाईयों से मुंह मीठा कराते हैं। खुशकिस्मती ये कि नई पीढ़ी भी तहेदिल से ये रवायत निभा रहे हैं। इंशा अल्लाह आप से जब मुलाकात होगी तभी ईद मना लेंगे फिलहाल तो त्रिपुरारि जी का शेर याद आ रहा है ऐ हवा तू ही उसे ईद.मुबारक कहियो और कहियो कि कोई याद किया करता है</p> जनाब सत्यनारायण साहिब , ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9344672018-06-16T18:14:58.282ZTasdiq Ahmed Khanhttps://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब सत्यनारायण साहिब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>जनाब सत्यनारायण साहिब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> जनाब भाई सतीश साहिब , ग़ज़ल प…tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9344662018-06-16T18:14:15.750ZTasdiq Ahmed Khanhttps://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब भाई सतीश साहिब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>जनाब भाई सतीश साहिब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> शुक्रिया भाई ।tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9345432018-06-16T18:13:38.467ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>शुक्रिया भाई ।</p>
<p>शुक्रिया भाई ।</p> प्रस्तुति पर उपस्थित होकर उत्…tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9345422018-06-16T18:10:05.257ZSatyanarayan Singhhttps://openbooks.ning.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p>प्रस्तुति पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने हेतु सादर धन्यवाद आदरणीय </p>
<p>ईद मुबारक आदरणीय </p>
<p>प्रस्तुति पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने हेतु सादर धन्यवाद आदरणीय </p>
<p>ईद मुबारक आदरणीय </p> शुक्रिया आदरणीय सत्यनारायण सि…tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9345412018-06-16T18:07:04.123Zanjali guptahttps://openbooks.ning.com/profile/anjaligupta
शुक्रिया आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी
शुक्रिया आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी जनाब सत्यनरायन सिंह जी आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2018-06-16:5170231:Comment:9349832018-06-16T18:05:49.007ZSamar kabeerhttps://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सत्यनरायन सिंह जी आदाब, प्रदत्त विषय पर अच्छी प्रस्तुति है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब सत्यनरायन सिंह जी आदाब, प्रदत्त विषय पर अच्छी प्रस्तुति है, बधाई स्वीकार करें ।</p>